अर्हम
शासन गौरव साध्वी राजीमती
शासनश्री साध्वी रमाकंवर जी तेरापंथ धर्मसंघ की एक अच्छी साध्वी थी। स्वाध्यायप्रिया, सेवाभावी, योग-प्रयोगों का अभ्यास करने वाली, साहित्य लेखिका, वक्तव्य कला आदि अनेक विशेषताओं से संयुक्त थी। चिकित्सा संबंधी उनको अच्छी जानकारी थी। दोनों बहनों की सेवा करती-करती पहले चली गई। यह नियति थी, परंतु उन्होंने पुरुषार्थ का जीवन जीया। शासनश्री साध्वी राजकुमारी जी एवं साध्वी जयश्री जी दोनों समाधी में रहे। अपनी साधना का बल बढ़ाएँ। साध्वी शुभप्रभा जी को सेवा का विशेष अवसर मिला। आचार्यश्री महाश्रमण जी के निर्देशानुसार इस सेवा केंद्र की अपनी उपयोगिता है। हिसार के भाई-बहन सेवा तथा चिकित्सा के क्षेत्र में अनुकरणीय है। जिंदल की सेवाओं से कितने साधु-साध्वी लाभान्वित हो रहे हैं।