इंद्रियों का संयमित उपयोग करें: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

इंद्रियों का संयमित उपयोग करें: आचार्यश्री महाश्रमण

कनेरा, अहमदाबाद 31 मार्च, 2023
धर्मोपदेशक आचार्यश्री महाश्रमण जी प्रातः लगभग 12 किलोमीटर का विहार कर कनेरा ग्राम में स्थित दलिया इंस्टीट्यूट ऑफ डिप्लोमा स्टडीज परिसर में प्रवास हेतु पधारे।
परम पावन ने पावन प्रेरणा प्रदान करते हुए फरमाया कि मानव शरीर में पाँच इंद्रियाँ हैं और भी कई प्राणियों के शरीर में पाँचों इंद्रियाँ होती हैं। ऐसे भी बहुत से प्राणी हैं, जिनके पाँचों इंद्रियाँ नहीं होती। यह इंद्रिय जगत विकास का प्रतीक है कि किस प्राणी का कितना विकास है। सबसे कम एकेन्द्रिय प्राणी का होता है, फिर द्विइंद्रिय, त्रिइंद्रिय, चतुरिंद्रिय और पंचेन्द्रिय में क्रमशः विकास बढ़ता जाता है। ये इंद्रियाँ ज्ञान का साधन बनती हैं। इंद्रियों के उपयोग में संयम की चेतना भी रहनी चाहिए। संयम होता है, तो आत्मा की दृष्टि से भी अच्छा है और व्यावहारिक दृष्टि से भी काफी अच्छा रह सकता है। यह दृष्टांत दो कछुओं के माध्यम से समझाया।
अणुव्रत भी संयम की बात बताने वाला कार्यक्रम है। संयम ही जीवन है। मोह कर्म के प्रभाव से आदमी असंयम में चला जाता है। यह भी एक प्रसंग द्वारा समझाया कि असंयम कितना नुकसान कर सकता है। संयम रखें तो इंद्रियाँ उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं। असंयमित इंद्रियाँ दुष्ट घोड़े के समान हैं, जो कुपथ में ले जाने वाला होता है। कुलीन घोड़ा तो पार लगा देता है। विवेक का नाश करने के लिए असंयमित इंद्रियाँ काले नाग के समान हैं, जो पुण्यरूपी वृक्ष को काटने के लिए कुठार के समान है। इंद्रियों को संयमित करने के लिए प्रेक्षाध्यान में सर्वेन्द्रिय संयम का प्रयोग भी कराया जाता है। इंद्रियों का संयम कल्याणकारी बात हो सकती है।
अमराव बैंगानी व दुगड़ परिवार दिल्ली से संबल लेने हेतु आए हैं। अमराव शांत स्वभाव के लगते थे एवं सायर बाई अभातेममं से जुड़ी हुई हैं। सायर बाई एवं परिवार वालों ने अपनी भावना श्रीचरणों में अभिव्यक्त की। दलिया इंस्टीट्यूट से प्रिंसिपल डॉक्टर के0जी0 मेहता ने कहा कि अणुव्रत यात्रा मिशन का मैं अपने इंस्टीट्यूट में स्वागत करता हूँ, इससे समाज सुधार हो सकता है। आपके पधारने से धरती पवित्र हो गई। हमारे विद्यार्थी आपसे प्रेरणा ग्रहण करेंगे। व्यवस्था समिति द्वारा प्रिंसिपल का सम्मान किया गया। पूज्यप्रवर ने इंस्टीट्यूट के विद्यार्थियों को सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति को समझाकर संकल्प स्वीकार करवाए।