जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखें: आचार्यश्री महाश्रमण

गुरुवाणी/ केन्द्र

जीवन के प्रति सकारात्मक सोच रखें: आचार्यश्री महाश्रमण

कोशम्बा, सूरत (गुजरात), 17 अप्रैल, 2023
जन-जन के उद्धारक आचार्यश्री महाश्रमण जी प्रातः लगभग 9 किलोमीटर का विहार कर कोशम्बा के उड़ान विद्या धाम में पधारे। मंगल देशना प्रदान करते हुए परम पावन ने फरमाया कि हमारे पास प्रवृत्ति के तीन साधन हैं-शरीर, वाणी और मन। ये तीन योग हैं। शरीर से अनेक कार्य होते हैं। वाणी से बोला जाता है और मन के द्वारा चिंतन, स्मृति और कल्पना की जाती है।
ये सोचने की शक्ति हर प्राणी के पास नहीं होती। जो अमनस्क व विकलेन्द्रिय प्राणी हैं, उनके पास मन की शक्ति नहीं होती है। पंचेन्द्रिय प्राणी भी जो समनस्क होता है, वो चिंतन-मनन कर सकता है। हमें सोचने की शक्ति प्राप्त है, इस शक्ति का उपयोग कैसे करें? बुरी सोच से पाप कर्म का बंध हो सकता है, तो अच्छी सोच से कर्म निर्जरा हो सकती है। सोच-सोच में अंतर होता है।
प्रशस्त चिंतन वाले का मन प्रसन्न रह सकता है। एक पोजिटिव सोच हो सकती है, तो एक नेगेटिव सोच हो सकती है पर रियल थिंकिंग करें। यह एक प्रसंग से समझाया कि जीवन में समता-शांति का भाव रहे। अपनी आलोचना का जवाब अच्छे कार्य से दें। न दुखी बनें न ज्यादा सुखी होएँ। सबके साथ मैत्री का, अहिंसा का भाव रखें।
सद्भावना, नैतिकता और नशामुक्ति की बातें हम बता रहे हैं। आदमी अच्छा आचरण करे। प्रतिकूलता में भी अनुकूलता रखे। हम शुभ चिंतन रखें ताकि कर्म निर्जरा हो। अच्छे चिंतन के द्वारा हम आगे बढ़ सकते हैं। आज यहाँ के विद्यालय में आए हैं। विद्यालय में ज्ञान के विकास के साथ अच्छे संस्कार भी मिलते रहें। विद्यालय का उन्नयन होता रहे। आज सूरत जिले में प्रवेश हुआ है। सूरत की अच्छी सूरत-मूरत बनी रहे।
साध्वीप्रमुखाश्री विश्रुतविभा जी ने कहा कि गुरु का दर्शन हो गया, इसका मतलब है, हमने तीर्थ यात्रा कर ली। गुरु जंगम तीर्थ होते हैं। साधु तो स्वयं तीर्थ होते हैं। वे लोगों को तारते हैं, पथ दर्शन प्रदान करते हैं। जिन्हें गुरु के दर्शन हो जाते हैं, वे व्यक्ति सचमुच में कृतार्थता का अनुभव करते हैं। तीर्थ दर्शन व्यक्ति के पुण्योदय से होता है। आज विश्व हिंदू परिषद् के प्रवीण तोगड़िया ने पूज्यप्रवर के दर्शन कर अपनी भावना अभिव्यक्त की। उन्होंने कहा कि धर्म से अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है।
सूरत जिले में पूज्यप्रवर के प्रवेश पर व्यवस्था समिति के अध्यक्ष संजय सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल एवं ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं ने गीत से स्वागत किया। तेरापंथ समाज ने समूह गीत प्रस्तुत किया। मुमुक्षु बहनों ने गीत के माध्यम से अपनी भावना अभिव्यक्त की। उड़ान विद्यालय के ट्रस्टी महिप सिंह वसी ने पूज्यप्रवर का स्वागत किया। व्यवस्था समिति द्वारा प्रवीण भाई तोगड़िया, रणछोड़ भाई मरवाड़ एवं उड़ान विद्या धाम परिवार का सम्मान किया गया। कार्यक्रम का संचालन मुनि दिनेश कुमार जी ने किया।