अर्हम्

अर्हम्

नेमा के नंद प्यारे, नैनों के हैं सितारे
चरणों में वंदन करे, आशीष पाएँ।
ज्योतिचरण का साया, सौभाग्य से है पाया
श्रद्धा के दीपक जले, आलोक पाएँ।।
आस्था के आलय गुरुवरम्! गुरुवरम्!

करुणा का सागर विभु के दिल में समाया,
वाणी का अमृत झरना, मन को लुभाया,
शक्ति के हो शिवालय, तप के महाहिमालय।। चरणों में----

वीतराग मोहक मुद्रा, शीतल शशि सम,
तेजस्वी आभामंडल, धीरज धरासम,
नेतृत्व शैली कोमल, पावन पुनीत निर्मल।। चरणों में----

आंधी तूफानों में भी, अविचल रहते,
विपदाएँ लाखों आए, हँसते ही सहते,
साहस भरी कहानी, जन-जन की है जुबानी।। चरणों में----

कोड़ दिवाली गुरुवर राज कराओ,
शासन की सुषमा प्रभुवर शिखरों चढ़ाओ,
शुभ भावों से बधाई, देता है संघ सदा ही।।

लय: उँगली पकड़ के तूने चलना सिखाया था ना----