भगवान महावीर जन्म कल्याणक के विविध आयोजन

संस्थाएं

भगवान महावीर जन्म कल्याणक के विविध आयोजन

बायतु
साध्वी जिनबाला जी के सान्निध्य में भगवान महावीर की जन्म जयंती धूमधाम से मनाई गई। चैत्र शु0 त्रयोदशी की पूर्व संध्या में भक्ति संध्या रखी गई। जिसमें बालोतरा से समागत मधुर संगायक प्रकाश श्रीश्रीमाल एवं सुखदान चारण ने अनेक गीतों के साथ ऐसा समां बाँधा जिसमें उपस्थित लगभग ढाई सौ भाई-बहन झूम उठे। कन्या मंडल, रवीना लोढ़ा, साध्वी प्राचीप्रभा जी आदि ने भी अपने गीतों का संगान किया। कार्यक्रम का प्रारंभ जशोदा छाजेड़ के मंगलाचरण से हुआ। मंच संचालन कन्या मंडल की कोमल भ्ंासाली तथा प्रज्ञा बागचार ने किया। त्रयोदशी के दिन प्रातः जागृति रैली निकाली गई। जिसमें बायतु की ज्ञानशाला, कन्या मंडल, महिला मंडल, तेयुप, सभा तथा जैन-अजैन लगभग डेढ़ सौ भाई-बहन उपस्थित थे। रैली की समाप्ति के साथ तेरापंथ भवन में साध्वीवृंद का प्रवचन हुआ। साध्वी करुणाप्रभा जी, साध्वी भव्यप्रभाजी, साध्वी प्राचीप्रभा जी के सामूहिक गीत के साथ साध्वीश्री ने भगवान महावीर के उदात्त जीवन के अनेक प्रसंग बताते हुए अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत की विवेचना की। तथा जीवन व्यवहार में इस अकारत्रयी को उतारने की प्रेरणा दी।
रात्रि में रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें पिंकी गोलेछा ने मंगलाचरण किया। साध्वी करुणाप्रभा जी, साध्वी प्राचीप्रभा जी ने भावाभिव्यक्ति दी। ज्ञानशाला की टीम, कन्या मंडल की टीम, महिला मंडल, युवती बहनों, श्रावक समाज तथा अनुभवी बहनों ने कव्वाली, रोचक नाटिका, शब्दचित्र, गीतिका आदि प्रस्तुत किए। इन सबकी रोचक प्रस्तुतियाँ सुन श्रोता झूम उठे। धनीबाई गोलछा, पायल बोथरा, मनोज चोपड़ा, रौनक बुरड़, सभाध्यक्ष राकेश बागचार आदि ने कविता, मुक्तक, गीतिका के साथ अपनी भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम का संयोजन साध्वी भव्यप्रभा जी ने किया। लगभग 25-30 तेरापंथी घरों का छोटा-सा क्षेत्र जिसमें तीनों कार्यक्रमों में लगभग 200 से 300 की उपस्थिति रही। पूज्यप्रवर के पदार्पण तथा मर्यादा महोत्सव कार्यक्रम से बायतु क्षेत्र जागृत हो गया। सभी संस्थाएँ जागरूकता के साथ कार्य कर रही हैं।