उवसग्गहर स्तोत्र का अनुष्ठान

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उवसग्गहर स्तोत्र का अनुष्ठान

शिवरामपल्ली।
साध्वी डाॅ0 मंगलप्रज्ञा जी द्वारा ‘उवसग्गहर स्तोत्र’ का अनुष्ठान करवाया गया। इस विशिष्ट अनुष्ठान में साध्वीश्री जी ने कहा कि हम सौभाग्यशाली हैं, जिन्हें जैन परंपरा विरासत में प्राप्त है। प्रख्यात, प्रभावक मंत्रों की साधना हमारे लिए सुरक्षा कवच है। आचार्य भद्रबाहु ने संघ सुरक्षा के लिए इस महा स्तोत्र की रचना की। भगवान पाश्र्वनाथ की स्तुति हेतु रचा गया यह स्तोत्र जन-जन की आस्था का केंद्र और संकटहारी, शांति प्रदायक एवं विघ्न विनाशक है।
साध्वीश्री जी ने उपस्थित कार्यकर्ताओं को उवसग्गहर स्तोत्र की साधना करवाई। साधकों ने आत्मिक आनंद का अनुभव किया। साध्वी डाॅ0 राजुलप्रभा जी, साध्वी डाॅ0 चैतन्यप्रभा जी एवं साध्वी डाॅ0 शौर्यप्रभा जी ने ‘भगवान पाश्र्व जिन की महिमा’ का संगान किया। संपूर्ण परिषद् की ओर से इस अपूर्व स्तोत्र साधना करवाने हेतु त्रिलोकचंद सिपानी ने कृतज्ञता के स्वर प्रस्तुत किए।