गुरु सन्निधि के दुर्लभ क्षण
साध्वी कुमुदप्रभा
भीलवाड़ा चातुर्मास संपन्न कर डाॅ0 साध्वी परमयशा जी के सिंघाड़े को करुणानिधान गुरुदेव ने भिक्षु निर्वाण स्थली सिरियारी में दर्शन करने की आज्ञा फरमाई। हमने 7 से 9 दिसंबर, 2022 तक गुरुदेव की परम सन्निधि में सेवा उपासना का लाभ उठाया। 9 दिसंबर, 2022 का पुण्य प्रभात मेरे जीवन का एक अविस्मरणीय दिन बन गया। मेरा (साध्वी कुमुद) पहला वर्षीतप चल रहा था और मेरी बहुत तीव्र भावना थी कि मेरा पारणा गुरुदेव के हाथों से हो और मेरे संसारपक्षीय पिताजी (श्री कमल दुगड़) उनकी भी बहुत हार्दिक इच्छा थी कि पहला वर्षीतप है पारणा गुरु सन्निधि में हो।
9 दिसंबर, 2022 को डाॅ0 साध्वी परमयशा जी के ग्रुप की गुरुदेव की गोचरी की बारी थी। प्रथम प्रहर की गोचरी में मैं साध्वी शुभ्रयशा जी के साथ गुरु उपपात में उपस्थित हुई। मैंने साध्वी शुभ्रयशा जी को निवेदन किया कि महाराज मेरे वर्षीतप चल रहा है और मैं चाहती हूँ कि गुरुदेव मुझे ग्रास प्रदान करवाएँ, मेरा पारणा करवाएँ हालाँकि पारणे में देरी है पर मेरे लिए आज से बढ़कर कोई शुभ दिन नहीं है। साध्वी शुभ्रयशा जी ने साध्वीवर्याजी को निवेदन किया। साध्वीवर्याजी ने कहा कि गुरुदेव तो इन वर्षों में किसी को ग्रास नहीं दिराते। It is impossible पर मैंने निवेदन किया कि आप कृपा कर निवेदन कराओ फिर जैसे भी होगा मुझे मंजूर है। उसके पश्चात् गुरुदेव का प्रातराश संपन्न होने के बाद साध्वीवर्याजी ने गुरुदेव से अनुरोध किया कि साध्वी कुमुदप्रभाजी का वर्षीतप चल रहा है, गुरुदेव की मर्जी हो तो ग्रास प्रदान करवाएँ। मैं वहीं पर खड़ी थी पता नहीं भीतर में एक विश्वास था कि गुरुदेव अवश्यमेव मेरा पारणा करवाएँगे।
जैसे ही साध्वीवर्याजी ने कहा कि तुरंत गुरुदेव ने अपने हाथों से मेरे हाथों में ग्रास प्रदान करवाया। मानो कि उस ग्रास के साथ गुरुदेव की ऊर्जा मुझे मिल रही हो। गुरुदेव को वंदना करते हुए मैंने कहा प्रभो! आपने बहुत-बहुत कृपा करवाई। आज आपने मेरी इच्छा पूर्ण कर दी। आपके हाथों से पारणा हो गया।
उस दिन मेरा उपवास था। साध्वी शुभ्रयशा जी ने गुरुदेव से पूछा तो गुरुदेव ने फरमाया वर्षीतप के उपवास में तो नहीं खा सकते। कोई बात नहीं हमने तुम्हें दे दिया। इसे तुम परमयशा जी आदि अपने ग्रुप की साध्वियों को दे देना।
जैसे ही हम ठिकाने पहुँचे तो साध्वी शुभ्रयशा जी ने साध्वीप्रमुखा विश्रुतविभा जी को निवेदन किया कि आज तो कुमुदप्रभाजी के भाग्य खुल गए। गुरुदेव ने इनको ग्रास दिया। तब साध्वीप्रमुखाश्री ने फरमाया कि ग्रास की तरह ही जीवन में भी मिठास की सौरभ महकती रहे। पूरे साध्वियों के ठिकाने हलचल हो गई। शाम को प्रतिक्रमण, अर्हत् वंदना के पश्चात साध्वी परमयशाजी और उनका ग्रुप साध्वीवर्याजी की सन्निधि में पहुँचा तो साध्वीवर्याजी ने कहा कि साध्वी परमयशा जी महासतियाँजी आज तो आपकी नानकी का भाग्य खुल गया। मैंने इतनी बार गुरुदेव को साध्वियों के लिए निवेदन किया कि गुरुदेव ग्रास बगसाएँ।
गुरुदेव ने कभी नहीं दिया। मेरे साध्वीवर्या बनने के बाद भी मुझे कभी याद नहीं कि गुरुदेव ने मुझे ग्रास दिया। आज मैं (साध्वीवर्याजी) खुद आश्चर्यचकित हूँ कि एक बार निवेदन करने पर गुरुदेव ने ग्रास दे दिया और वे भी सीधा हाथों में प्रदान करवाया। वो 9 दिसंबर, 2022 का पुण्य प्रभात मेरे स्मृति पटल पर हमेशा रहता है कि सूरत में होने वाला वर्षीतप पारणा मेरा सिरियारी में कुछ महीनों पहले ही हो गया। मेरी तीव्र अभिलाषा पूर्ण हो गई। 9 दिसंबर, 2022 का तेजोमय दिन मेरे लिए गुरु सन्निधि का दुर्लभ क्षण बन गया।
अलौकिक व्यक्तित्व की आत्मा है तेजस्वी
समदर्शी प्रभुवर की वाणी है यशस्वी
परमानंद नरेश्वर से चाहें एक वरदान
समत्व के शिखर से बने वर्चस्वी।।