अर्हम्

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श्री जैन श्वेतांबर तेरापंथ धर्मसंघ के वरिष्ठ मुनि महेंद्रकुमार जी (मुंबई) का दिनांक 6-4-2023 को मध्याह्न के समय मुंबई में स्वर्गवास हो गया। मुनिश्री ने बी0एस0सी0 पास कर परमाराध्य गुरुदेवश्री तुलसी के करकमलों से वि0सं0 2014 के कार्तिक कृष्ण 8 को सुजानगढ़ में दीक्षा ग्रहण की थी। मेधावी तो थे ही, विशिष्ट तत्त्वज्ञानी के रूप में आपने अपनी पहचान बनाई। आप तत्त्व ज्ञान के मर्मज्ञ तथा प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षक श्री जेठाभाई के सुपुत्र थे और दृढ़ धर्मानुरागिणी, सूरज बहन आपकी माता थी।
आचार्यश्री तुलसी की आप पर विशेष कृपा रही, गुरु इंगित की आराधना करते हुए आपने अनेक प्रगति के द्वार खोले, जैन आगमों पर वैज्ञानिक दृष्टि से निरीक्षण किया। विवाह पन्नति (भगवती) जैसे विशालकाय ग्रंथ पर आपने भाष्य, आदि लिखे, जिसके कई खंड प्रकाश में आ गए। कुछ आने बाकी हैं। काल बली ने अपना रौद्र रूप दिखाया, आपको असमय में उठा लिया। लगभग 2 माह बाद आचार्यश्री महाश्रमण जी मुंबई पधारने वाले हैं। थोड़ा समय और मिलता तो आपके पूज्य आचार्यश्री के दर्शन हो जाते, एक नया ही आनंद आता। अंतिम समय में आपको 17 मिनट का अनशन भी आया। मुनिश्री अजित कुमार जी प्रारंभ से आपके साथ थे और अंतिम समय तक साथ रहे। भारी निर्जरा का लाभ लिया।
महेंद्र मुनि संसारपक्ष में 6 भाई और एक बहन थी, भाइयों के नाम-किरण भाई, रश्मि भाई, स्वयं महेंद्र मुनि, अरुण भाई, शैलेश भाई, ज्योतीन्द्र भाई, बहन का नाम आशा था। श्री महेंद्र मुनि की आत्मा उत्तरोत्तर अध्यात्म की ओर अग्रसर हो, शीघ्र मोक्ष गति में विराजमान हो, यही मेरी मंगलकामना है।