आध्यात्मिक, वैज्ञानिक व्यक्तित्व के धनी थे मुनि महेंद्र कुमारजी
मुनि जिनेश कुमार, मुनि परमानंद, मुनि कुणाल कुमार
बहुश्रुत परिषद् के संयोजक, आगम मनीषी प्रो0 मुनि महेंद्र कुमार जी स्वामी का प्रयाण धर्मसंघ की अपूरणीय क्षति है। मुनि महेंद्र कुमार जी स्वामी आध्यात्मिक, वैज्ञानिक व्यक्तित्व के धनी थे। उन्होंने अपनी ज्ञान संपदा से धर्मसंघ की विशिष्ट सेवा की। वे जीवन के नौवें दशक में स्वास्थ्य की समस्याओं से जूझते हुए भी धर्मसंघ के लिए कार्य करते रहे। उन्हें तीन-तीन आचार्यों की सेवा का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उनका जीवन दूसरों के लिए आज भी आदर्श प्रेरणा बना हुआ है।
हम जब कभी जिज्ञासा लेकर उनके पास जाते तो वे उदार एवं आत्मीय भाव से समाधान प्रदान करते। अनेक बार उनके दर्शनों एवं उपपात में बैठने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। सन् 2019 में गुरुकृपा से नौ दिन मुनिश्री की निकट सन्निधि प्राप्त हुई। उस प्रवास में मुनिश्री द्वारा दिया गया अपार वात्सल्य आज भी हमारी स्मृतियों में सुरक्षित है।
मुनिश्री ज्ञान के सागर थे। उनके समझाने की शैली आकर्षक थी। उनकी विनोदप्रियता जटिल से जटिल माहौल में भी समरसता घोल देती थी। वे धर्मसंघ के हिताकांक्षी थी। भगवती सूत्र का महत्त्वपूर्ण कार्य उनके द्वारा संपादित हुआ। उनके द्वारा किया गया साहित्य का ठोस कार्य आगामी पीढ़ी के लिए धरोहर एवं मार्गदर्शक बना हुआ है।
मुनिश्री की सेवा में मुनि अजित कुमार जी स्वामी का सुदीर्घ योग उनके चित्त समाधि में विशेष रूप से निमित्त बना। डाॅ0 मुनि अभिजीत कुमार जी ने मुनिश्री को हर दृष्टि से चित्त समाधि पहुँचाकर अपने कर्तव्य पालन में सजगता दिखाई। मुनि जागृत कुमार जी एवं मुनि सिद्ध कुमार जी ने भी अनेक वर्षों से मुनिश्री की सेवा करते हुए अपना विकास किया। मुनि जम्बू कुमार जी ने भी साधिक दो वर्षों से मुनिश्री की सेवा सान्निध्य का दुर्लभ योग प्राप्त किया। सभी मुनिवरों के प्रति मंगलकामना।