वर्षीतप अनुमोदना समारोह
उधना।
मुनि उदित कुमार जी स्वामी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा, उधना द्वारा तेरापंथ भवन के भिक्षु समवसरण में वर्षीतप साधना में उधना विस्तार से 62 तपस्वियों का अनुमोदना समारोह आयोजित किया गया। तेरापंथ महिला मंडल, उधना व भजन मंडली द्वारा गीतिका का संगान किया गया। सभा अध्यक्ष बसंतीलाल नाहर, तेयुप अध्यक्ष सुनील चंडालिया, तेममं अध्यक्षा जस्सू बाफना, महासभा सहमंत्री अनिल चंडालिया आदि ने वर्षीतप करने वाले सभी तपस्वियों के प्रति अपनी मंगलभावना प्रेषित की। तेममं, ज्ञानशाला, कन्या मंडल की बहनों द्वारा गीतिका, नुक्कड़ नाटक द्वारा तपस्या की अनुमोदना की गई। मुनि अनंत कुमार जी ने वर्षीतप की महत्ता बताई। मुनिश्री ने कहा कि तपस्या के द्वारा भीतर में परिवर्तन होता है। सभी तपस्वियों के प्रति साधुवाद प्रेषित किया।
मुनि उदित कुमार जी ने अपने उद्बोधन में उपस्थित सभी तपस्वियों के उत्साह में अभिवृद्धि की। मुनिश्री ने कहा कि गुरुकृपा से ही तपस्या सरलता से होती है। मुनिश्री ने कहा कि वर्षीतप कठोर तपस्या है, जिसका मनोबल मजबूत होता है वही ऐसी कठोर तपस्या कर सकते हैं। उधना विस्तार में 62 भाई-बहनों की वर्षीतप की तपस्या चल रही है। जिसमें काफी तपस्वी सजोड़े तपस्या कर रहे हैं। तप अभिनंदन पत्र का वाचन सभा संरक्षक पारसमल बाफना ने किया। सभी तपस्वियों का तप अभिनंदन पत्र द्वारा सम्मान किया गया।
महिला चैबीसी का कार्यक्रम भी रखा गया, जिसमें 450 से अधिक महिलाओं की उपस्थिति रही। सभी तपस्वियों के पारणे की व्यवस्था भवन पर ही रखी गई। अनुमोदना समारोह में सभी सभा-संस्थाओं के परामर्शक, पदाधिकारी, कार्यकारिणी सदस्यों व श्रावक समाज की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में सभा के कार्यकर्ताओं के साथ महिला मंडल, ज्ञानशाला एवं तेयुप का भी अच्छा सहयोग मिला। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री सुरेश चपलोत, सहमंत्री पुखराज हिरण ने किया। मंगलपाठ के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।