परिवार कार्यशाला का आयोजन

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परिवार कार्यशाला का आयोजन

सिकंदराबाद।
तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में आयोजित ‘परिवार कार्यशाला’, ‘परिवार आनंद का आधार’ विषय पर साध्वी मंगलप्रज्ञा जी ने कहा कि साधना का उद्देश्य होता है, आनंद की अनुभूति। चिंतनीय विषय है, समूह में रहकर आनंद का जीवन कैसे जीएँ। शांति कैसे प्राप्त करें। साध्वीश्री जी ने कहा यदि परिवार में आनंद है तो सातों वार सुख देंगे। हम सभी संसार के रंगमंच पर किरदार की भूमिका निभा रहे हैं। आवश्यकता है हर व्यक्ति अपने कर्तव्यों, दायित्वों का सम्यक् निर्वहरण करे। समस्याओं को समाहित करने का प्रयत्न करें। परिवार में समस्या का मुख्य कारण हैµवाणी का असंयम। आग्रह की चेतना परिवार की शांति को भंग कर देती है। आवश्यकता है, परिवार का हर सदस्य शिष्टता के साथ बात करें। सहनशीलता एक ऐसा महत्त्वपूर्ण सूत्र है, जो जिंदगी की गाड़ी को ठीक तरह चला सकता है। अहंकार की वृत्ति को कम करने का प्रयास-आनंद और शांति देगा। हर अभिभावक अपनी भावी पीढ़ी में सद्संस्कार भरें। उसका मार्ग प्रशस्त करें। श्री महेश्वरी विद्यालय, कबूतरखाना के विशाल प्रांगण में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय बहनों ने मंगल-स्वागत-स्वर प्रस्तुत किए।
विद्यालय की प्रिंसिपल मोनिका जैन ने विद्यालय परिवार की ओर से साध्वी परिवार का स्वागत किया। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी, साध्वी सिद्धियशा जी, साध्वी डॉ0 राजुलप्रभा जी, साध्वी डॉ0 चैतन्यप्रभा जी एवं साध्वी डॉ0 शौर्यप्रभा जी ने गीत का सामूहिक संगान किया। साध्वी राजुलप्रभा जी ने अपने विचार व्यक्त किए। हर परिस्थिति में सोच को सकारात्मक बनाए रखें। संकल्प करें, हमारा सही दिशा की ओर सही प्रस्थान हो। साध्वी डॉ0 चैतन्यप्रभा जी ने संयोजकीय वक्तव्य में कहा कि परिवार को आनंद का देवालय समझें और अपने मधुर व्यवहार की निरंतर साधना करते चलें। साध्वीश्री जी के सान्निध्य में कबूतरखाना में इस मुख्य आयोजन एवं प्रवास हेतु विजय आंचलिया ने आभार प्रदर्शित किया। अमृतलाल आंचलिया ने अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से उपस्थित पार्षद सोनम राजमोहन जी का एवं विद्यालय की प्रिंसिपल मोनिका वर्मा का तेरापंथ सभा की ओर से सम्मान किया गया।