साध्वीप्रमुखा वर्धापन
चयन दिवस पर संघ चतुष्टय देखो प्रमुदित मन
धन्य हुई है चंदेरी और धन्य है मोदी परिकर।
अभिनंदन करते सब मिलकर चयन दिवस शुभ अवसर।।
समता, क्षमता और ममता की मूरत है मनहारी।
सहनशील गंभीर धीर और प्रतिभा प्रखर तुम्हारी।।
मोह विलय की साधिका, वैरागी जीवन सुंदर।
जप प्रेमी स्वाध्यायलीन, तप में भी बढ़े निरंतर।।
गुरुवर महाश्रमण किरपा से शोभित है नवमानस।
गुरु इंगित आराधन से बन गए सबके आश्वासन।।
रहो निरामय करो शासना तुम हो मंगलकारी।
बढ़ो चढ़ो शिखरो शुभ भावों की ये भेंट हमारी।।
लय: स्वामी! पथ दिखाओ जी----