अर्हम

अर्हम

सतिशेखरे! मनोनयन के मंगल पल में,
शत-शत वंदन अभिनंदन।
तन कोसों दूर भले पर मन श्रीचरणों में,
गण में भर दो अभिनव पुलकन।।

उदीयमान व्यक्तित्व तुम्हारा किन शब्दों में हम बतलाएँ,
देदीप्यमान कर्तृत्व निराला संघ भाल पर शोभा पाएँ।
तप से दीपित जप से सुरभित संयम से शोभित तव जीवन।।

नवती साध्वीप्रमुखाश्री जी नवनिधि से भंडार भरो,
शक्ति पुंज के शक्ति स्रोत से हम सबमें शक्ति संचार करो।
हे सरस्वती! सुखसाये में महके श्रमणीगण मधुवन।।

स्नेहिल अभिसिंचन देकर जन-मानस की पीर हरो,
अमरबेल बन बढ़ो अनवरत फलो फूलो जय विजय वरो।
साध्वीप्रमुखा रहो निरामय तव चरणों में तन-मन अर्पण।।