अभ्यर्थना विलक्षण साध्वीप्रमुखाश्री जी की

अभ्यर्थना विलक्षण साध्वीप्रमुखाश्री जी की

साध्वी प्रसन्नयशा
वि0सं0 2079, तेरापंथ की राजधानी सरदारशहर में तेरापंथ के सरताज परम पावन परमपूज्य गुरुदेवश्री का सानंद प्रवास चल रहा था। वैशाख शुक्ला चतुर्दशी का पावन दिन। पूज्यप्रवर ने अपने दीक्षा कल्याणक दिवस के पुनीत प्रसंग पर संपूर्ण तेरापंथ धर्मसंघ को एक विलक्षण उपहार प्रदान किया। गत दो माह से धर्मसंघ में साध्वीप्रमुखा का स्थान रिक्त था उसे आज के दिन पूज्यप्रवर ने पुनः भरकर संपूर्ण धर्मसंघ को निश्चिंत कर दिया। गत कई वर्षों से साध्वी समाज में द्वितीय स्थान पर सुशोभित मुख्य नियोजिका साध्वी विश्रुविभा जी को पूज्यप्रवर ने आज ही के दिन प्रथम स्थान पर अर्थात् साध्वीप्रमुखा पद पर मनोनीत कर मानो सबके दिलों को संतुष्टि प्रदान कर दी।
स वैशाख शुक्ला चतुर्दशी। वि0सं0 2080 का दिन। साध्वीप्रमुखाश्री जी का प्रथम वार्षिक मनोनयन दिवस है। मैं इस उपलक्ष्य में साध्वीप्रमुखाश्री जी की एक विलक्षण साध्वीप्रमुखा के रूप में अभ्यर्थना करती हूँ। श्रीचरणों में सभक्ति श्रद्धा समर्पित करती हूँ। तेरापंथ धर्मसंघ को आप एक विलक्षण साध्वीप्रमुखा के रूप में प्राप्त हैं, ऐसा मेरा मानना है।
स सर्वप्रथम परमपावन परमपूज्य गुरुदेवश्री ने आपश्री के मनोनयन के अवसर पर अपने उपयोग में आने वाले रजोहरण को आपश्री को बकसाया। पूज्यप्रवर ने अपने उपयोग में आने वाली प्रमार्जनी भी उसी समय आपको प्रदान करवा दी। तेरापंथ के साध्वीप्रमुखा इतिहास में ऐसा पहले कभी हुआ है, शोध का विषय है। मैं इसे एक विलक्षण घटना मानती हूँ।
- आपश्री के मनोनयन के तुरंत बाद जब आप साध्वियों के प्रवास स्थल पर पधारीं तो आदरास्पद साध्वीवर्याजी ने गुरुदेवश्री द्वारा प्रदत्त ग्रास की वह सुंदर-सी तोपसी आपश्री के हाथों में थमाई। आपश्री ने कहा कि आश्चर्य है, सामान्यतया गुरुदेव किसी को ग्रास बकसाते ही नहीं। पता नहीं आज कैसे बक्सा दिया। तत्काल साध्वीवर्याजी ने कहाµयह कोई सामान्य बात थोड़े ही है। अर्थात् साध्वीप्रमुखा के मनोनयन पर उन्हें ग्रास प्रदान करना एक विलक्षण घटना ही है।
- आप विलक्षण साध्वीप्रमुखा हैं क्योंकि आज तक कोई भी साध्वीप्रमुखाश्री पहले समणी रहकर साध्वीप्रमुखा नहीं बनी अर्थात् उनका श्रेणी आरोहण नहीं हुआ।
- आज तक की कोई साध्वीप्रमुखा ऑफिशियल एम0ए0 की डिग्री प्राप्त कर साध्वीप्रमुखा नहीं बनीं।
- निर्देशों में धर्म प्रचार कर साध्वीप्रमुखा पद को सुशोभित करने वाली आप पहली साध्वी प्रमुखा हैं।
- आज तक की कोई साध्वी प्रमुखाश्री अंग्रेजी भाषा का अधिकृत अध्ययन प्राप्त कर साध्वी प्रमुखा नहीं बनी।
- आज तक की कोई साध्वी प्रमुखा पारमार्थिक शिक्षण संस्था की निर्देशिका रहकर साध्वी प्रमुखा नहीं बनीं।
- आज तक कोई साध्वी प्रमुखा समणी नियोजिका पद पर भी प्रतिष्ठित नहीं रहीं।
- आप पहली साध्वी प्रमुखाजी हैं जिन्होंने वर्षों तक मुख्य नियोजिका पद पर कार्य कर साध्वी प्रमुखा पद को सुशोभित किया है।
मेरे लिए यह अत्यंत आह्लाद एवं गौरव का विषय है कि वर्तमान साध्वीप्रमुखाश्री जी समण श्रेणी में मेरे ग्रुप लीडर रहे हुए हैं। मुझे उनके सान्निध्य एवं निर्देशन में रहकर विकास एवं साधना करने का सौभाग्य ही प्राप्त नहीं हुआ, अपितु आपश्री की कृपादृष्टि एवं वात्सल्यवृष्टि से मैं सदा सराबोर रहती थी। वे क्षण मेरे स्मृति पटल पर सदैव अंकित रहेंगे। आपश्री द्वारा प्रदत्त संस्कारों का पुलिंदा आज भी मुझे सजग किए रहता है। मैं श्रद्धेया साध्वीप्रमुखाश्री जी के प्रथम मनोनयन दिवस पर अपने अंतस्तल की असीम भक्ति समर्पित करती हूँ एवं आपश्री के चिर सफल नेतृत्व की मंगलकामना करती हूँ।