अहिंसा और शांति सेमिनार का आयोजन
उत्तर-मध्य, कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथी सभा के तत्त्वावधान में महावीर जन्म कल्याणक के उपलक्ष्य में एक दिन अहिंसा और शांति सेमिनार का आयोजन किया गया। जिसमें बंगाल सरकार की उद्योग मंत्री शशि पांजा, राज्यपाल श्यामल कुमार सेन विशेष रूप से उपस्थित थे। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान संस्कृति है। अध्यात्म की आत्मा अहिंसा है। अहिंसा शाश्वत है। अहिंसा सांप्रदायिकता नहीं सार्वभौम व्यापकता है। अहिंसा शांति का सर्वोत्तम साधन है। मुनिश्री ने आगे कहा कि व्यक्ति रोटी, अशिक्षा, तनाव, वैर-प्रतिशोध सत्ता का उन्माद, अर्थ की प्रतिस्पर्धा में आकर हिंसा करता है, हिंसा से शांति नहीं मिलती है। अहिंसा से शांति मिलती है, अहिंसा की शुरुआत स्वयं से करें, अहिंसा के विकास के लिए संयम, समता, सादगी, संतोष की साधना करें।
मुनि कुणाल कुमार जी ने अहिंसा गीत का संगान किया। बंगाल सरकार के उद्योग मंत्री शशि पांजा ने इस अवसर पर कहा कि भगवान महावीर ने जो कहा है उसे सिखना व अपनाना चाहिए। पूर्व राज्यपाल श्यामल कुमार ने कहा कि जैन धर्म में त्याग बहुत हैं। ऐसे सम्मेलनों से शिक्षा लेनी चाहिए। प्रो0 रवींद्रनाथ भट्टाचार्य डीन कोलकाता यूनिवर्सिटी, प्रो0 तनवीर अरसद एसिस्टेंट, प्रो0 प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का शुभारंभ तेममं द्वारा गीत से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ सभा के उपाध्यक्ष रूपचंद श्रीमाल, आभार व अतिथियों का परिचय राजेंद्र संचेती व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। इस अवसर पर समाज के प्रतिष्ठित व गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।