अर्हम्

अर्हम्

बहुश्रुत मुनिश्री महेंद्र कुमार जी स्वामी तेरापंथ धर्मसंघ के-
विलक्षण मुनिप्रवर थे।
मुनिश्री संघ समर्पित थे।
मुनिश्री गुरुदृष्टि आराधक थे।
मुनिश्री अप्रमत्त साधक थे।
मुनिश्री आत्मज्ञ संत थे।
मुनिश्री तत्त्ववेत्ता संत थे।
मुनिश्री प्रखर वक्ता थे।
मुनिश्री श्रुताराधक थे।
मुनिश्री आगमज्ञाता थे।
मुनिश्री आगमों के अंग्रेजी अनुवादक थे।
मुनिश्री आगम मनीषी थे।
मुनिश्री प्रेक्षा प्राध्यापक थे।
मुनिश्री अवधान विद्या में निपुण थे।
मुनिश्री सरल स्वभावी थे।
मुनिश्री प्रसन्नमना साधु थे।
मुनिश्री विनोदप्रिय थे।
मुनिश्री श्रमनिष्ठ साधु थे।
मुनिश्री तेरापंथ धर्मसंघ की अमूल्य निधि थे। अनेकों विशेषताओं के धनी थे। तीन-तीन आचार्यों के कृपापात्र थे।
मुनि अजीत कुमार जी आदि पाँचों संतों को ऐसे महान् मुनिप्रवर के पास रहने का, सेवा करने का और शिक्षण-प्रशिक्षण का अवसर मिला।
आध्यात्मिक मंगलकामना करते हैं मुनि महेंद्र कुमार जी की आत्मा के प्रति कि वो उत्तरोत्तर विकास करती हुई मोक्षश्री को वरण करे।