अक्षय तृतीया के कार्यक्रम का आयोजन

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अक्षय तृतीया के कार्यक्रम का आयोजन

सिरियारी।
जैन धर्म के सबसे प्राचीन त्योहार, जो सहòाब्दियाँ बीत जाने पर भी उसी उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। किसी ने सोचा था तब की एक छोटी सी घटी घटना आज एक वटवृक्ष की भाँति विस्तार को प्राप्त होगी। कार्यक्रम का शुभारंभ शासनश्री मुनि मणिलाल जी के नमस्कार महामंत्रोच्चार से हुआ। उसके बाद वर्षीतप के उपलक्ष्य में भीलवाड़ा के राकेश कोठारी ने गीत की प्रस्तुति दी। सिरियारी के पूर्व सहमंत्री उत्तम सुकलेचा ने अपने विचारों की प्रस्तुति दी। मुनि आकाश कुमार जी ने आचार्यश्री तुलसी द्वारा रचित गीत की व्याख्या की तथा भगवान ऋषभ के जीवन पर संक्षिप्त प्रकाश डाला तथा हमेशा सकारात्मक बने रहने की प्रेरणा प्रदान की। मुनि हितेंद्र कुमार जी ने आर0आई0एस0एच0ए0बी0एच0 शब्द की व्याख्या की तथा सभी को ऋषभ की तरह शक्तिशाली व समताशील बने रहने की प्रेरणा दी।
इस बार सिरियारी में पाँच तपस्वियों ने पारणा कियाµभीलवाड़ा से विमला देवी सिंघवी का पहला, गिलुंड से अनिता ओस्तवाल का पहला, पाली से इचरज देवी कुंडलिया का पाँचवाँ, पाली से संतोष देवी नौलखा का सातवाँ तथा गंगाशहर से विमला देवी भंसाली ने ग्यारहवाँ वर्षीतप का पारणा किया। सभी ने अपने-अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। उनके परिवार वालों ने तपोनुमोदना की। लगभग 350 लोगों की सामूहिक उपस्थिति में ओम भिक्षु-जय भिक्षु का सामूहिक जप भी किया। काफी लोगों ने त्याग-प्रत्याख्यान भी किए। कार्यक्रम का संचालन मुनि हितेंद्र कुमार जी ने किया। कार्यक्रम के सफल आयोजन में सिरियारी संस्थान के मैनेजर महावीर व कल्याण सिंह का श्रम रहा।