गुरुदेवाय नमः
शासन शेखर दिव्य दिवाकर
युगप्रधान गणराज
करें नतमस्तक वंदन
जय-जय नेमानंदन।।
मंगल गाएं, आज बधाएं
महाश्रमण गुरुराज
जय-जय ज्योति चरण
जय-जय महाश्रमण।।
युगों-युगों राज करो, विश्वमैत्री करूणा के पुजारी
श्रम-शम-उपशम, नैतिकता गूंजे निर्मलधारी
महातपस्वी योगीराज की, शरण सदा सुखकार।
जय-जय ज्योतिचरण, जय-जय महाश्रमण।।
नयनों में वत्सलता है, वचनों में रहती ज्ञान चेतना
निर्लिप्त जीवन मुस्कान, संजीवन बन हरती वेदना
महावीर हो अनुगामी, बन चले परमार्थ की ओर।
जय-जय ज्योतिचरण, जय-जय महाश्रमण।।