युवती जागरण शिविर
नोहर, हनुमानगढ़
स्थानीय तेरापंथ सभा भवन में महिला मंडल के तत्त्वावधान में आयोजित दो दिवसीय युवती प्रशिक्षण शिविर में मुनि विजय कुमार जी ने श्रावक-श्राविकाओं को जैन रामायण का रसपान कराते हुए उपस्थित युवतियों से कहायह दो दिवसीय शिविर एक विशेष उद्देश्य से रखा गया है। व्याख्यान श्रवण का सौभाग्य ज्यादातर सासुओं एवं वृद्ध माताओं को मिलता है, युवतियाँ प्राय: वंचित रह जाती हैं। यह दो दिनों का अवसर विशेष रूप से युवती बहुओं के लिए रखा गया है। आज की युवतियाँ ज्यादातर पढ़ी-लिखी होती हैं, घर की बहुत सारी जिम्मेवारियाँ सहज रूप से उन पर आ जाती है, भाई लोग उनके कारण अनेक कार्यों में निश्चिंत रहते हैं। युवतियों को यह भी सोचना चाहिए कि धार्मिक संस्कारों की अमूल्य विरासत जो उन्हें अपने माता-पिता या सास-ससुर से मिली है, उसे सुरक्षित रखना भी उनकी अहम जिम्मेवारी है। बच्चे को जन्म देकर आप जन्मदात्री माँ बन जाती हैं किंतु इससे भी आगे जीवनदात्री माँ भी आपको बनना है। युवती बहुएँ जीवनदात्री माँ की भूमिका को निभाएँ और पूरे परिवार में संस्कारों की सुवास फैलाएँ।
दूसरे दिन शासनश्री मुनिश्री ने कहा कि जीवन में कई प्रकार की उपलब्धियाँ बताई जा सकती हैं, किंतु चित्त समाधि एवं मानसिक शांति से बढ़कर कोई महत्त्वपूर्ण उपलब्धि नहीं है। आप सामुहिक जीवन जीते हैं, सबके लिए विचार, सोचने का ढंग एक सरीखा नहीं होता, ऐसे में वैचारिक आग्रह असमाधि का बहुत बड़ा कारण बन सकता है। इसलिए दूसरे के विचारों को समझने की कोशिश करें। एक छोटी-सी बात असहिष्णुता के कारण परस्पर तलाक का रूप ले लेती है। सुख से रहना, तो सीखो एक-दूसरे को सहना, इस वाक्य को सामने रखकर चलो, बहुत सारी समस्याएँ स्वत: शांत हो जाएँगी।
शिविर में प्रतिदिन तीन सत्र चलते थे। प्रात:कालीन योगासन की कक्षा, मुनिश्री का सामायिक विषयों पर उद्बोधन, साधिका सुशीला बांठिया कायोत्सर्ग की कक्षा लेती थी। प्रज्ञा प्रस्तुति एवं प्रश्न मंच परीक्षा का कार्यक्रम चला। प्रो0 भारती छाजेड़ ने स्वास्थ्य के विषय पर अपने विचार प्रकट किए। प्रज्ञा प्रस्तुति कार्यक्रम में प्रथम स्थान प्राप्त राधा सिपानी, द्वितीय स्थान प्राप्त प्रेम कोठारी, तृतीय स्थान प्राप्त विनीता छाजेड़ ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी। महिला मंडल ने पुरस्कार देकर उन्हें प्रोत्साहित किया। मंगलाचरण युवती बहनों ने किया। सरला देवी सिपानी, यशिता व आँचल ने भी अपने भावों को अभिव्यक्ति दी। मुनिश्री के नमस्कार महामंत्र के उच्चारण से शिविर प्रारंभ हुआ, उन्होंने युवतियों को लक्ष्य करके गीतिका की प्रस्तुति भी दी। महिला मंडल प्रधान किरण देवी छाजेड़ ने संयोजन किया।