क्रोध का बोध कार्यशाला का आयोजन
हैदराबाद।
साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में क्रोध नियंत्रण कार्यशाला का आयोजन माई होम भुजा में किया गया। हाइटेक सिटी में प्रवासित जैन समाज के अनेक भाई-बहनों ने इस कार्यशाला में भाग लिया। साध्वी मंगलप्रभा जी ने कहा कि रिएक्शन लेस जीवन के लिए ब्रेन को ट्रेन करना पड़ता है। मंत्र जप, प्रेक्षा आदि के द्वारा क्रोध को जीता जा सकता है। क्रोध के दो कारणों की विस्तार से चर्चा करते हुए आपने कहा कि हारमोंस, इच्छा दमन, स्वार्थ की अपूर्ति, शारीरिक-मानसिक कमजोरी इत्यादि कई कारण हो सकते हैं, लेकिन आप संकल्पपूर्वक इस वृत्ति से मुक्त हो सकते हैं।
कार्यक्रम का प्रारंभ माय होम भुजा की महिलाओं द्वारा स्वागत गान से हुआ। साध्वी डॉ0 राजुलप्रभा जी ने विषय पर अपने विचार व्यक्त किए। साध्वीवृंद ने गीतिका का संगान किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ0 शौर्यप्रभा जी ने किया। सरिता चिंडालिया ने गीतिका के माध्यम से अपने भावों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में सिकंदराबाद सभा के मंत्री सुशील संचेती, परामर्शक बाबूलाल सुराणा आदि की उपस्थिति रही।