वर्षीतप का सौभाग्य महापुण्याई से मिलता है

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वर्षीतप का सौभाग्य महापुण्याई से मिलता है

कोकराझाड़
साध्वी स्वर्णरेखा जी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया का कार्यक्रम आयोजित किया गया। गुवाहाटी से समागत श्रद्धा की प्रतिमूर्ति कमला देवी डागा तथा सुंदर बाई दुधोड़िया ने क्रमशः अठारहवें एवं सोलहवें वर्षीतप का पारणा किया तथा आगंतुक वर्ष के लिए वर्षीतप का प्रत्याख्यान किया। साध्वीश्री जी ने कहा कि सभ्यता एवं संस्कृति की विकास यात्रा का नाम हैµऋषभ, कला एवं विज्ञान की नींद रखने वाले थेµऋषभ, पुरुषार्थ चतुष्टयी के पुरोधा थे, उनका कथन थाµअर्थ एवं काम संसार की अनिवार्यता है तो धर्म एवं मोक्ष मंजिल तक पहुँचाने वाले हैं। कार्यक्रम में साध्वी स्वस्तिकाश्री जी, साध्वी सुधांशुप्रभा जी, साध्वी गौतमयशा जी ने ऋषभ पोस्ट ऑफिस कार्यक्रम प्रस्तुत किया। महिला मंडल, कन्या मंडल, ज्ञानशाला, किशोर मंडल ने पृथक्-पृथक् रूप से ऋषभ के जीवन चरित्र को कार्यक्रम के माध्यम से प्रस्तुत किया। महासभा उपाध्यक्ष विजय चोपड़ा, महासभा आंचलिक प्रभारी सुशील भंसाली, स्थानीय सभाध्यक्ष सुनील आंचलिया, गुवाहाटी सभाध्यक्ष बजरंग सुराणा, अशोक डागा आदि ने वक्तव्य के द्वारा अपने विचार रखे। स्थानीय तेममं, तेयुप, कपल्स, राजेश, गौरव लुणिया, तारा देवी सेठिया ने अपनी भावना गीतिका के माध्यम से रखी। तेयुप अध्यक्ष विजय भूरा एवं राजीव ने तपस्वियों का परिचय प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का प्रारंभ स्थानीय सभा के पदाधिकारियों द्वारा मंगल संगान से हुआ। संचालन एवं आभार ज्ञापन स्थानीय सभा मंत्री कन्हैयालाल चोपड़ा द्वारा किया गया।