‘महिमा जन्मदाता की’ कार्यक्रम का आयोजन
फरीदाबाद।
साध्वी अणिमाश्री जी के सान्निध्य में तेरापंथ भवन में सुरम्य प्रांगण में ‘महिमा जन्मदाता की’ एक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुआ। सभी ने साध्वीश्री जी के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की। साध्वी अणिमाश्री जी ने ‘माँ ही मंदिर, माँ ही पूजा, पिता से बढ़कर कौन है दूजा’ विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि माँ परिवाररूपी उपवन की कुशल माली होती है जो उस उपवन के हर फूल को खिलने व मुस्कराने के लिए उचित संपोषण प्रदान करती है। माँ की ममता व वात्सल्य के सामने हिमालय भी बौना नजर आता है। माँ ममता का महासागर है, सहनशीलता की प्रतिमूर्ति है, समता व समाधि का मंदिर है। माँ-पिता का कर्ज उतारने का फर्ज अदा कीजिए, उनको प्रणाम करें। उनके चरणों में अपना सिर रखिए। उनका ऊर्जामय हाथ अगर सिर पर आ गया तो वह आपकी जिंदगी का रक्षा कवच बन जाएगा। माँ-बाप के ऋण से उऋण होने के लिए उन्हें धर्मध्यान में सहयोग, गुरु दर्शन व सेवा करवाएँ वो ही माँ-बाप की सच्ची सेवा है।
साध्वी डॉ0 सुधाप्रभा जी ने कहा कि पिता परिवार रूपी फ्लाइट का पायलट होता है जो परिवार के हर सदस्य को विकास की ऊँची उड़ान भरना सिखाता है। पिता वो शख्श है जो न दिन देखता है न रात, उसे तो परिवार के हालात ही दिखाई देते हैं। पिता क्रेडिट कार्ड होता है, बैलेंस न हो तब भी अपने बच्चे की हर इच्छा को पूरी करने का प्रयत्न करता है। साध्वी मैत्रीप्रभा जी ने संचालन करते हुए अपने भाव व्यक्त किए। सभा मंत्री संजीव जैन ने सुंदर गीत प्रस्तुत किया। नवरतन मल बांठिया ने मंगल संगान किया। सभाध्यक्ष गुलाबचंद बैद, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष इंदरचंद गोलछा, मनोज दुगड़, विक्रम राखेचा ने साध्वीश्री जी के प्रवास व कार्यक्रमों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए आगामी विहार यात्रा के लिए मंगलकामना की। सभा मंत्री संजीव जैन ने संचालन किया।