अक्षय तृतीया के विविध आयोजन
सिकंदराबाद
साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया पारणा महोत्सव का आयोजन हुआ। कवाड़ीगुड़ा के हैबीटेट अलाइट के विशाल प्रांगण में साध्वीश्री जी ने कहा कि अक्षय तृतीया का दिन आनंद, शांति और शक्ति का त्योहार है। आदिनाथ भगवान ने प्रथम बार जनता को वीतराग दर्शन का उपदेश दिया। यह ऐतिहासिक त्योहार संपूर्ण जैन समाज को वरदान रूप में प्राप्त हुआ है। साध्वीश्री जी ने कहा कि ऋषभदेव ने असि, मसि और कृषि का उपदेश दिया। उन्होंने संन्यस्त होने के बाद अध्यात्म का उपदेश दिया। लाखों लोगों का उद्धार किया। इतिहास बताता है कि चार हजार लोगों ने भगवान ऋषभ के साथ दीक्षा स्वीकार की। साध्वीश्री जी ने कहा कि जीवन में मौन
का अभ्यास अवश्य करें। उन्होंने कहा कि हम भाग्यशाली हैं, हमें भिक्षुशासन, तेरापंथ मिला है।
साध्वीश्री जी ने आगे कहा कि साध्वी सुदर्शनप्रभा जी एवं साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने वर्षीतप सानंद संपन्न किया है। वे साधना पथ पर निरंतर बढ़ती रहें। सभी तपस्वियों ने साहस के साथ वर्षीतप की साधना की है। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी एवं साध्वी चैतन्यप्रभा जी ने कहा कि गुरुशक्ति व्यक्ति को परम तक पहुँचाने वाली होती है। हमारी तपस्या में साध्वी डॉ0 मंगलप्रज्ञा जी की प्रेरणा विशेष सहयोगी बनी है। दोनों साध्वियों ने साध्वीश्री जी के प्रति आभार व्यक्त किया। साध्वी सिद्धियशा जी ने वर्षीतप आराधिका साध्वी चैतन्यप्रभा जी एवं साध्वी सुदर्शनप्रभा जी का परिचय प्रस्तुत किया। साध्वी राजुलप्रभा जी ने कहा कि प्रकृति की विषम स्थितियों में भी साध्वीद्वय की तपः साधना सानंद चली, इन्होंने चढ़ते भावों के साथ लक्षित मंजिल को पा लिया।
साध्वीवंृद ने सामूहिक गीत का संगान किया। तेरापंथ सभा, सिकंदराबाद के अध्यक्ष बाबूलाल बैद, तेयुप के अध्यक्ष वीरेंद्र घोषल, टीपीएफ के अध्यक्ष पंकज संचेती व महिला मंडल की अध्यक्षा अनिता गिड़िया ने सभी तपस्वियों का अभिनंदन एवं अनुमोदन किया। किशोर मंडल एवं श्रावकों द्वारा मंगलाचरण प्रस्तुत किया गया। ऋषभ दुगड़ ने आगंतुक सभी का स्वागत किया। ज्ञानशाला के बच्चों द्वारा मनमोहक झाँकी प्रस्तुत की गई। बैंगलोर से समागत साध्वी चैतन्यप्रभा जी के ज्ञातीजन एवं हैदराबाद प्रवासी एवं कलियागंज निवासी परिवारों के सदस्यों ने भावाभिव्यक्ति दी। ललित बैद ने महेंद्र लुणावत का परिचय दिया। बैद परिवार की बेटियों एवं बहुओं ने तपस्वी इचुदेवी का गीत से वर्धापन किया। वर्षीतप आराधिका सरोज मुसरफ का स्वागत परिचय उपासिका मंजु दुगड़ ने किया। तेममं की निवर्तमान व वर्तमान अध्यक्षाओं ने दोनों का सम्मान किया। साध्वी सुदर्शनप्रभा जी एवं साध्वी चैतन्यप्रभा जी के ज्ञातिजनों ने तप-अनुमोदना स्वर प्रस्तुत किए। जयपुर से समागत गौरव सेठिया ने विचार व्यक्त किए। युवती बहनों ने पपेट शो की अभिव्यक्ति दी। बिमल पुगलयिा ने आभार व्यक्त किया। साध्वी डॉ0 शौर्यप्रभा जी ने कार्यक्रम का संचालन किया।