
रचनाएं
साध्वीप्रमुखा चयन दिवस पर अभ्यर्थना
आज हमारी गण बगिया में छाई नई बहार।
आया खुश्यिों का त्योहार
महाप्रज्ञ की श्रम बूंदों से निखरा रूप अपार।।
चंदेरी अवनी बड़भागी मोदी कुल है गौरवशाली।
माता-पिता सब खुशियाँ छाई बिटिया आई किस्मतवाली।
मानो घर आँगन में बरसी खुशियों की बौछार।।
तुलसी प्रभु की कृपा सवाई पहली समणी दीक्षा पाई।
देश-विदेशों की धरती पर श्रम कर फसलें खूब उगाई।
गुरु की शुभ दृष्टि आराधी स्वप्न हुए साकार।।
श्री सरदारशहर भू पावन चयन दिवस दृश्य मनभावन।
विद वैशाखी महीना पावन भैक्षव गण में बरसा सावन।
जन्म धरा पर प्रभु ने निज चिंतन को दिया आकार।।
स्वाध्याय सुधा की मूरत प्यारी साम्य योग से खिल रही क्यारी।
चिंतन शैली है सुखकारी सीखें विनम्रता मनहारी।
क्या तेरे गुण गौरव गाएँ तुम सद्गुण भंडार।।
समता मूरत ममता मूरत भक्ति भरा उपहार समर्पण।
चयन दिवस पर भेंट करूँ मैं साँसों की हर धड़कन अर्पण।
हर चेहरे पर आज अनोखी छाई नई बहार।।
लय: कितना बदल गया संसार---