मुनि महेंद्र कुमार जी की स्मृति सभा के आयोजन
भीलवाड़ा
अणुव्रत साधना सदन शास्त्री नगर, भीलवाड़ा में शासनश्री मुनि हर्षलाल जी के सान्निध्य में बहुश्रुत परिषद् के संयोजक, आगम मनीषी मुनि महेंद्र कुमार जी की स्मृति सभा आयोजित की गई। शासनश्री मुनि हर्षलाल जी ने मुनिश्री के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तेरापंथ धर्मसंघ नंदनवन है। यहाँ अनेकानेक महान संत-सतियाँ हुए हैं। मुनि महेंद्र कुमार जी भी एक महान ज्ञानी मुनि थे। दीक्षा से पूर्व में बीएससी ऑनर्स करके दीक्षित हुए थे। वे लगभग 16 भाषाओं के ज्ञाता थे। तेरापंथ धर्मसंघ में बहुश्रुत परिषद् के संयोजक के रूप में वे मनोनीत हुए। ‘आगम मनीषी’ व ‘प्रेक्षा प्राध्यापक’ अलंकरण से अलंकृत हुए। मुनि अभिजीत कुमार जी आदि सहवर्ती संतों ने अंत समय तक अहोभाव से मुनिश्री की सेवा का लाभ उठाया। मुनिश्री की आत्मा मोक्ष को यथाशीघ्र प्राप्त करे, मंगलकामना।
मुनि यशवंत कुमार जी ने कहा कि मुनिश्री एक महान साहित्यकार थे, अन्वेषक थे, उन्होंने अपने जीवन में अनेक साहित्य की रचना की। जैन आगमों को वैज्ञानिक ढंग से प्रस्तुत करने का प्रयास किया। मुनि प्रतीक कुमार जी ने कहा कि मुनि महेंद्र कुमार जी का जीवन पंचशीलों से युक्त था। निष्ठाशील, विनयशील, श्रमशील, अनुशासनशील, सहनशील। यह पाँचों ही मुनिश्री के जीवन में दिखाई देते थे। वे एक महान बहुश्रुत संत थे।
इस अवसर पर मुनि मोक्ष कुमार जी भी उपस्थित थे। इसी क्रम में तेरापंथी महासभा के अध्यक्ष मनसुखलाल सेठिया ने भी महेंद्र मुनिश्री के जीवन पर प्रकाश डाला। टीपीएफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज ओस्तवाल, महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विजयराज मेहता, अभातेममं सहमंत्री नीतू ओस्तवाल, भीलवाड़ा सभा के उपाध्यक्ष शुभकरण चोरड़िया, तेममं की अध्यक्षा मीना बाबेल, तेयुप के अध्यक्ष कमलेश सिरोहिया, टीपीएफ के अध्यक्ष करणसिंह सिंघवी ने अपने विचारों के साथ मुनि महेंद्र कुमार जी के प्रति अपनी भावांजलि प्रकट की। कार्यक्रम का संचालन योगेश चंडालिया और निर्मल गोखरू ने किया।