स्वागत-अभिनंदन समारोह का आयोजन

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स्वागत-अभिनंदन समारोह का आयोजन

ईरोड।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी का जुलूस के साथ तेरापंथ सभा भवन, ईरोड में आगमन पर स्वागत कार्यक्रम में डॉ0 साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि वसंत आता है तो प्रकृति मुस्कुराती है, और संत आते हैं तो संस्कृति मुस्कराती है। जो पानी सतत् प्रवाहशील होता है वह निर्मलता, पवित्रता को प्राप्त होता है, जो पानी किसी नाली या गड्ढे में रहता है वह कीचड़ का रूप धारण कर लेता है। साधु-संत निर्मल पानी की तरह होते हैं। जो पाँव-पाँव चलकर सद्उपदेश के लिए प्रवाहित रहते हैं। निर्मल प्रवाह में जो स्नान कर लेता है वो पवित्रता और शुद्धि को प्राप्त हो जाता है।
साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि गंगा पाप का, शशि ताप का व कल्पवृक्ष संताप का हरण करता है। किंतु साधु-संत पाप, ताप और संताप तीनों का हरण कर लेते हैं। रेणु नखत व पिंकी भंसाली के मंगलाचरण से कार्यक्रम प्रारंभ हुआ। सभा अध्यक्ष सुरेंद्र भंडारी ने स्वागत किया। तेयुप अध्यक्ष सुभाष बैद, धर्मचंद बोथरा, हीरालाल चोपड़ा ने अपने विचार रखे। साध्वी मेरुप्रभा जी एवं साध्वी दक्षप्रभा जी ने मधुर गीत से सबको सराबोर कर दिया। उपासक प्रकाश पारख ने भी अपने विचार रखे। सभामंत्री दुलीचंद पारख ने आभार ज्ञापन किया। मंच संचालन महिला मंडल उपाध्यक्ष मंजु बोथरा ने किया।