नैतिक शिक्षा से जीवन सजाएँ

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नैतिक शिक्षा से जीवन सजाएँ

तपामंडी।
श्रीमती शांतिदेवी मेमोरियल सरकारी कन्या स्कूल के विशाल प्रांगण में साध्वी कनकरेखाजी ने विद्यार्थियों को उद्बोधन देते हुए कहा कि हम अणुव्रत के छोटे-छोटे संकल्पों को स्वीकार कर अपने जीवन में नैतिक शिक्षा प्राप्त करें। सद्संस्कारों से अपने जीवन को सजाएँ-संवारें, नैतिकता, प्रामाणिकता, सत्यवादिता, सद्भावना से हम अपने ज्ञानमंदिर को पवित्र बनाएँ। अच्छे विचारों से ही व्यवहार अच्छा बनता है और अच्छे व्यवहार से ही सद्संस्कारों का जागरण होता है। आगे आपने बालिकाओं को आह्वान करते हुए कहा कि हमारे उज्ज्वल भविष्य के लिए नशामुक्ति का अभियान स्कूलों में विशेष रूप से चला रहे हैं, जिससे हमारा पर्सेनेलिटी डावलपमेंट हो। ज्ञान के साथ राष्ट्रीय चरित्र का निर्माण हो। करीब 750 बालिकाओं ने विद्यार्थी नियमों की प्रतिज्ञा ली। सभी ने प्रसन्नता व्यक्त की।
दूसरे सत्र में साध्वी कनकरेखा जी ने कहा कि शिक्षक वर्ग भी ज्ञानदान के साथ जुड़ा हुआ है, सभी अपने नैतिक दायित्व के साथ समाज, देश व राष्ट्र की अमूल्य धरोहर के विकास में अपनी अहं भूमिका निभाएँ। अध्यापक वर्ग भी नशामुक्त जीवन जीएँ। प्रार्थना सभा में जीवन विज्ञान के कुछ टिप्स करवाने हेतु प्रेरित किया। साध्वी संवरविभाजी ने अपने विचार रखते हुए महाप्राण ध्वनि, दीर्घश्वास प्रेक्षा आदि प्रेक्टिकल प्रयोग करवाए। प्रिंसिपल डिम्पीराणी ने अपने विचारों के साथ साध्वीश्री जी का स्वागत किया। मेम नेहा जैन, नीतिका ने अपने अभिभाषण के साथ खुशी जाहिर की। सर हरीश जैन व यशपाल शर्मा ने अपने भाग्य की सराहना करते हुए वक्तव्य के साथ साध्वीश्री जी का आभार प्रदर्शित किया।