आध्यात्मिक मिलन एवं धर्मचर्चा

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आध्यात्मिक मिलन एवं धर्मचर्चा

अशोक विहार, दिल्ली।
उग्रविहारी तपोमूर्ति मुनि कमल कुमार जी का मॉडल टाउन, तेरापंथ भवन से अशोक विहार जैन स्थानक में पदार्पण हुआ। वहाँ विराजित प्रज्ञा महर्षि मुनि उदय जी के साथ आध्यात्मिक मिलन और चर्चा-वार्ता के पश्चात सामूहिक प्रवचन हुआ, जिसमें मॉडल टाउन, भीनगर, शालीमार बाग के भाई-बहनों ने भी सामायिक सहित प्रवचन का लाभ लिया। मुनि कमल कुमार जी ने अपने कहा कि आज जो दिनोदिन समस्या बढ़ती नजर आ रही है, उसका मुख्य कारण एक शब्द में कहें तो वह बढ़ता हुआ असंयम ही है। जब तक व्यक्ति में संयम की चेतना का जागरण नहीं होगा तब तक समस्या वर्धमान होती जाती है। संयम का अंकुश व्यक्ति को प्राणवान, चरित्रवान, ज्ञानवान, श्रद्धावान बना सकता है।
उदय मुनिश्री ने कहा कि हम औरों को देखते हैं, पुद्गलों को देखते हैं, पौद्गलिक सुखों में अनंत काल से लगे हुए हैं। जब तक आत्मदर्शी नहीं बनेंगे तब तक सच्चा आनंद प्राप्त नहीं हो सकता। मुनिश्री को स्थानक के अध्यक्ष-मंत्री सहित साधु-साध्वियों में भी विराजने की अर्ज की। मुनिश्री के सहयोगी मुनि नमि कुमार जी की तपस्या निरंतर वर्धमानता की ओर अग्रसर है।