आचार्यश्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव, पदाभिषेक एवं दीक्षा दिवस के आयोजन

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आचार्यश्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव, पदाभिषेक एवं दीक्षा दिवस के आयोजन

नोखा
आचार्यश्री महाश्रमण जी तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारहवें आचार्य हैं। स्थिर योग साधना, अनुत्तर साधना, निर्मल संयम, परिश्रम, तनाव मुक्त जीवन, समर्पण, विनय, अनुशासन कौशल अद्वितीय है। आचार्यश्री तुलसी ने तराशा, आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी ने परखा और आचार्य पद सौंप दिया। इस पदाभिषेक दिवस पर शुभकामना व्यक्त करते हुए शासन गौरव साध्वी राजीमती जी ने अपने विचार व्यक्त किए। साध्वीवृंद ने गीतिका का संगान किया। तेयुप द्वारा गीतिका की प्रस्तुति दी। महिला मंडल अध्यक्षा मंजु बैद ने कविता सुनाई।
उपासक अनुराग बैद, उपाध्यक्ष सुनील बैद, इंदरचंद बैद, हर्षित भूरा, महिला मंडल की बहनें, निर्मला सेठिया ने आचार्य महाश्रमण को क्रांतिकारी विभूति बताया। ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों ने रोचक प्रस्तुति दी। महाश्रमण व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व पर एकांकी भी प्रस्तुत की। संचालन साध्वी प्रभातप्रभा जी ने किया। -तेरापंथ भवन, महावीर चौक में तेरापंथ धर्मसंघ के 11वें आचार्यश्री महाश्रमण जी का 50वाँ दीक्षा दिवस युवा दिवस के रूप में शासन गौरव साध्वी राजीमती जी के सान्निध्य में मनाया गया। शासन गौरव साध्वी राजीमती जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का जीवन संपूर्ण युवाओं के लिए आदर्श एवं प्रेरणा स्त्रोत है। उनके जीवन से हमें खाद्य संयम, इंद्रिय संयम, वाणी संयम आदि की शिक्षा लेनी चाहिए। इससे पूर्व साध्वीवृंद द्वारा महाश्रमण अष्टकम् द्वारा मंगलाचरण किया गया।
साध्वी समताश्री जी, साध्वी पुलकितयशा जी, साध्वी प्रभातप्रभा जी, साध्वी विधिप्रभा जी, उपासक अनुराग बैद, डॉक्टर प्रेमसुख मरोठी, सुनील बैद, इंदरचंद बैद ने अपनी भावाभिव्यक्ति दी। महिला मंडल एवं तेयुप द्वारा सामूहिक गीतिका का संगान किया गया। कार्यक्रम में श्रावक-श्राविकाओं की अच्छी उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन साध्वी कुसुम प्रभा जी ने किया।