आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 14वें महाप्रयाण दिवस के आयोजन

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आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 14वें महाप्रयाण दिवस के आयोजन

पूर्वांचल-कोलकाता
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में राष्ट्रसंत आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 14वें महाप्रयाण दिवस पर समारोह तेरापंथी सभा द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि भारतीय ऋषि परंपरा के उज्ज्वल नक्षत्र थे आचार्यश्री महाप्रज्ञ। वे बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे। वे जैन न्याय के राधाकृष्णन् थे। उन्होंने आगे कहा कि आचार्यश्री कालूगणी के अनेक जन्मों की फलश्रुति हैµआचार्यश्री महाप्रज्ञजी। वे आचार्य तुलसी के विचारों के भाष्यकार थे। उन्होंने प्रेक्षाध्यान, जीवन विज्ञान, आगम संपादन, साहित्य, अहिंसा यात्रा आदि अवदान देकर पूरी मानव जाति को उपकृत किया।
इस अवसर पर मुनि परमानंद जी ने कहा कि आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के अवदान साहित्य एवं प्रेक्षाध्यान को अपने जीवन का हिस्सा बनाने से ही सही मायने में उस महान व्यक्तित्व को भावांजलि अर्पित की जा सकती है। बालमुनि कुणाल कुमार जी ने गीत प्रस्तुत किया। इस अवसर पर तेरापंथी महासभा के मुख्य न्यासी सुरेश गोयल, तेरापंथी सभा के अध्यक्ष हनुमानमल दुगड़, अभातेममं की कार्यसमिति सदस्य रमण पटावरी, तेरापंथी सभा, कोलकाता के अध्यक्ष अजय भंसाली, तेयुप पूर्वांचल के अध्यक्ष राजीव खटेड़ सहित अन्य सभा-संस्थाओं के पदाधिकारीगण एवं सदस्यों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए भावांजलि अर्पित की। आभार तेरापंथी सभा के मंत्री बालचंद दुगड़ व संचालन मुनि परमानंद जी ने किया।