आचार्यश्री महाप्रज्ञ जी के 14वें महाप्रयाण दिवस के आयोजन
चंडीगढ़
आचार्यश्री महाप्रज्ञ शारीरिक तौर पर हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी वाणी व शब्द जीवन प्राण बनकर हमेशा मानव जीवन का मार्गदर्शन करते रहेंगे। कहने को तो आचार्यश्री महाप्रज्ञ जैन समाज के आध्यात्मिक धार्मिक गुरु थे, लेकिन दूसरे धर्मों और संप्रदायों में भी उनका सम्मान और स्थान बहुत ऊँचा है। आचार्यश्री महाप्रज्ञ ऐसे दार्शनिक और क्रांतिकारी संत थे, जिन्होंने अपने अनुपम, अद्भुत और अद्वितीय विचारों से समाज का मार्गदर्शन किया। यह विचार मनीषी संत मुनि विनय कुमार जी ‘आलोक’ ने आचार्यश्री महाप्रज्ञजी के 14वें महानिर्वाण दिवस पर व्यक्त किए।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मोहम्मद उस्मान लुधियानवी रहे। इसके अलावा तेरापंथी सभा के अध्यक्ष अभय राज सिंह, सूर्यप्रकाश श्यामसुखा, विनोद सुराणा, पवन नवलखा, मंजू, दया आदि ने अपने-अपने विचारों की अभिव्यक्ति दी। मोहम्मद उस्मान लुधियानवी ने कहा कि आचार्य महाप्रज्ञजी केवल जैन दर्शन के मनीषी संत नहीं थे, वे अपूर्व व्याख्याकार थे। जिनकी एक-एक कृति सोने में सुहागा का काम करती है।