आया चयन दिवस पावन

आया चयन दिवस पावन

आया चयन दिवस पावन।
खुशियों का बरसा है सावन, कण-कण में नव स्पंदन।।

तुलसी महाप्रज्ञ गुरुवर की कृपा अनोखी पाई।
शासन माता की सन्निधि में सोई शक्ति जगाई।
नूतन चिंतन मंथन द्वारा पौर-पौर रोशन।।

महाश्रमण गुरुवर के दिल में पूरा विश्वास जमाया।
साध्वीप्रमुखा का पद देकर गुरु ने मान बढ़ाया।
सरदारशहर के प्रांगण में मनभावन मनोनयन।।

जागरूकता विनयशीलता नियमित दिनचर्या सारी।
व्यवहार कुशलता सरस्वती रूपा तब महिमा है भारी।
अप्रमत्त बनकर करते हैं, गुरु दृष्टि आराधना।।

अद्भुत ज्ञान पिपासा सीमित आशा सीमित भाषा।
युग युगांत तक करो शासना मन की है अभिलाषा।
रजनीगंधा फूलों ज्यों यह महका गण गुलशन।।

दूर-दूर हम बहुत दूर है ढेरों देते बंधाई।
श्रम बूंदों से सति शेखरे करते गण सिंचाई।
चयन दिवस पर अर्पित चरणों भावों का शुभ चंदन।।

शासनश्री की मनोभावना पायें जल्दी दर्शन।
हम सबकी है मनोभावना पायें जल्दी दर्शन।।

लय: धर्म की लौ---