संत मिलन समारोह का आयोजन
चंडीगढ़।
संत मिलन सौभाग्य का सूचक है। बहुत कठिन होता है, जब दो संतों के ग्रुप का मिलन हो। मुनि विनय कुमार जी लुधियाना से प्रस्थान कर मंडी गोविंदगढ़ पहुँचे और मुनि स्वास्तिक कुमार जी पहले से विराजमान थे। दोनों का आध्यात्मिक मिलन, मंडी गोविंदगढ़ के मैन चौक पर हुआ। मुनिश्री जुलूस के साथ तेरापंथ भवन में पधारे। वहाँ पर आयोजित समारोह में मुनिश्री ने कहा कि मुनि स्वास्तिक कुमार जी कर्मठ और सेवाभावी संत हैं। जहाँ कहीं भी उनका विचरण होता है, उस क्षेत्र की सार-संभाल बहुत अच्छे ढंग से करते हैं। गोविंदगढ़ एक ऐसा क्षेत्र है, जहाँ लोहे की मंडी है और लगता है लोहे की मंडी के नाम से प्रसिद्ध है, पर इस मंडी से सोना उगलता है। हम लोहे को ना देखें, सोने को देखें। हमारा दृष्टिकोण व्यापक बना रहे।
मुनि स्वास्तिक कुमार जी ने कहा कि आज का दिन सौभाग्य का सूचक है कि हमें पुनः मुनिश्री के दर्शन हुए। मुनिश्री मेहनती हैं और सार-संभाल करने में सक्षम हैं। मुनिश्री ने आगे कहा कि श्रावक जितना सजग होगा, समाज उतना ही मजबूत बनेगा। मुनि पार्श्व कुमार जी ने कहा कि जब हम मुनिश्री से मिलते हैं, एक नई चेतना का ऊर्ध्वारोहण होता है। जिंदगी में एक नई मुस्कराहट पैदा होती है। मुनिश्री ने कहा कि अक्षय तृतीया का दिन जैन समाज का गौरवशाली दिन है। मंच संचालन जोगिंदर पाल गर्ग ने किया। पंजाब सभा के महामंत्री सुनील खुल्लर, मंडी गोविंदगढ़ सभा के मंत्री रजत जैन और तेयुप अध्यक्ष पंकज जैन ने अपने विचार रखे। इस अवसर पर सभा अध्यक्ष रमेश मित्तल, विजय सिंगला सहित अनेक सदस्यगण एवं श्रावक-श्राविकाएँ उपस्थित थे।