‘महाश्रमणं नमाम्यहम’ कार्यक्रम का आयोजन

संस्थाएं

‘महाश्रमणं नमाम्यहम’ कार्यक्रम का आयोजन

उदयपुर।
तेरापंथी सभा, उदयपुर द्वारा शासनश्री मुनि सुरेश कुमार जी ‘हरनावा’ के सान्निध्य एवं मुनि संबोधकुमार जी ‘मेधांश’ के निर्देशन में आचार्यश्री महाश्रमण जी के 62वें जन्म दिवस, 50वें दीक्षा कल्याण दिवस व 14वें पदाभिषेक दिवस पर आठ दिवसीय दीक्षा कल्याण महोत्सव ‘महाश्रमणं नमाम्यहम’ के माध्यम से अभिवंदना की गई। आठ दिवसीय समारोह में मुख्य संयोजक सुबोध दुगड़ ने बताया कि समूह गान प्रतियोगिता के माध्यम से समारोह की शुरुआत हुई। जिसमें 3 से 5 प्रतिभागियों के 10 समूह (40 प्रतिभागियों) ने भाग लिया। प्रतियोगिता में निर्णायक के रूप में चैतन्य भट्ट, अशोक राव एवं श्रेया पालीवाल थे। प्रतियोगिता में प्रथम स्थान हनी पोरवाल, खुशबू कोठारी, अंकिता जैन, निकिता कोठारी का रहा। द्वितीय स्थान जगत दुगड़, बजरंग श्यामसुखा, अशोक डोसी, सुरेंद्र कोठारी तथा तृतीय स्थान दीपक मेहता, करिश्मा मेहता, प्रेक्षा बोहरा का रहा। प्रतियोगिता के मुख्य अतिथि समाजसेवी अभय कोठारी थे। संचालन पंकज भंडारी ने किया।
आचार्यश्री महाश्रमण जी की ऐतिहासिक उपलब्धियों पर ‘आलेख प्रतियोगिता’ आयोजित की गई। जिसमें प्रथम स्थान सपना बुलिया, द्वितीय स्थान शुभी धाकड़, तृतीय स्थान ऋद्धि जैन एवं सांत्वना स्थान सुधीर मेहनोत ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता के संयोजक तुक्तक भाणावत थे। शांतिदूत चित्रांकन प्रतियोगिता जिसमें एक घंटे की समय सीमा में आचार्यश्री महाश्रमण जी का चित्र बनाना था। इसमें सीनियर ग्रुप में प्रथम अर्पिता बाबेल, द्वितीय मेघा खाब्या एवं तृतीय स्थान पर प्रीति जैन रही। वहीं जूनियर ग्रुप में जसवी जैन प्रथम, रैनी डांगी द्वितीय तथा भव्या डांगी तृतीय स्थान पर रही। प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका में दिनेश कोठारी, बेला जैन एवं रश्मि पगारिया थे। प्रतियोगिता संयोजिका नेहा चपलोत एवं नमिता कोठारी थे।
महिला संगोष्ठी के माध्यम से नारी शक्ति ने ‘ऐसा हो अनुशास्ता का अनुशासन’ विषय पर वक्तव्य प्रस्तुत किए। आचार्यश्री महाश्रमण जी के व्यक्तित्व-कर्तृत्व पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित हुई। प्रतियोगिता में डॉ0 स्नेहा बाबेल प्रथम, पुष्पा नांदरेचा द्वितीय तथा मोनिका कोठारी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। निर्णायक डॉ0 एन0के0 जैन, अनिता भाणावत, रेणु मोगरा रहे। संचालन आलोक पगारिया ने किया।
आचार्यश्री महाश्रमण जी के 50वें दीक्षा कल्याणक शुभारंभ पर समूह गान के माध्यम से गुरुदेव की अभिवंदना की। शासनश्री मुनि सुरेश कुमार जी ने कहा कि आचार्य महाश्रमण पुण्य के शिखर पुरुष हैं। आपने गीतिका के माध्यम से आचार्यश्री के चिरायु होने की शुभाशंषा की। मुनि संबोध कुमार जी ‘मेधांश’ ने कहा कि आचार्यश्री अपनी सहजता, करुणा, कमिटमेंट से सर्वोच्च आध्यात्मिक नेता हैं। समारोह में मुख्य अतिथि अपर जिला न्यायाधीश, सचिव जिला विधि प्राधिकरण कुलदीप शर्मा एवं मुख्य वक्ता संस्था शिरोमणि आंचलिक प्रभारी मेवाड़ धीरेंद्र मेहता थे। महासभा कार्यकारिणी सदस्य महेंद्र सिंघवी उपस्थित रहे। रेखा जैन ने गुरु अभिवंदना गीत प्रस्तुत किया। अभिवंदना के क्रम में सभाध्यक्ष अर्जुन खोखावत, तेयुप अध्यक्ष अक्षय बड़ाला, महिला मंडल अध्यक्षा सीमा पोरवाल ने गुरु अभ्यर्थना की। समारोह का संचालन मुख्य संयोजक सुबोध दुगड़ ने किया। आभार व्यक्त सभा मंत्री विनोद कच्छारा ने किया। धन्यवाद ज्ञापन सभा कोषाध्यक्ष भगवती सुराणा ने ज्ञापित किया। समारोह में आठ दिनों के विजेता प्रतिभागियों को पारितोषिक वितरित किए गए।