नमस्कार महामंत्र अनुष्ठान संपन्न

संस्थाएं

नमस्कार महामंत्र अनुष्ठान संपन्न

सॉल्टलेक कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में नमस्कार महामंत्र अनुष्ठान एवं प्रवचन कार्यक्रम का आयोजन तेरापंथी सभा, सॉल्टलेक द्वारा आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि जैन धर्म का सुप्रसिद्ध महामंत्र हैµनमस्कार महामंत्र। नमस्कार महामंत्र चैतन्य जागरण और चित्त की निर्मलता को विकसित करने वाला अलौकिक मंत्र है। यह बोधि, समाधि और सिद्धि दाता है। यह सब पापों को नाश करने वाला महामंत्र है। मुनिश्री ने आगे कहा कि नमस्कार महामंत्र जिन शासन का सार व 14 पूर्वों का उद्धार करने वाला है। जिसका मन नवकार मंत्र में लगा हुआ है उसका कोई भी अनिष्ट नहीं कर सकता।
मुनिश्री ने आगे कहा कि यह मंत्र नहीं महामंत्र है, क्योंकि यह आत्मा का जागरण करता है। जैसे कमल के विकास में सूर्य निमित्त होता है, वैसे ही आत्मा के विकास में नवकार निमित्त होता है। उच्चारण एकाग्रता शुद्धि, भावार्थ स्थान, समय गुरुकृपा आदि जप साधना में जरूरी है। जप साधना से आत्म शुद्धि निर्मलता, पवित्रता बढ़ती है। मुनि जिनेश कुमार जी ने नमस्कार महामंत्र, बीज मंत्र एवं उनसे जुड़े मंत्रों का जप एवं अनुष्ठान करवाया। बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने गीत का संगान किया। सॉल्टलेक क्षेत्र की एक्टिव ऐंकर ज्ञानशाला एवं राजरहाट ज्ञानशाला ने नमस्कार महामंत्र पर लघु परिसंवाद प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। इस अवसर पर अच्छी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।