आचार्यश्री महाश्रमणजी का जन्मोत्सव एवं पटोत्सव कार्यक्रम के आयोजन

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आचार्यश्री महाश्रमणजी का जन्मोत्सव एवं पटोत्सव कार्यक्रम के आयोजन

सॉल्टलेक, कोलकाता
आचार्यश्री महाश्रमण जी के 62वें जन्म दिवस पर अभिवंदना समारोह मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में हुआ। इस अवसर पर मुनिश्री ने कहा कि जीवन दर्शन का प्राण तत्त्व हैµआचार, विचार और व्यवहार। इसकी श्रेष्ठता व्यक्तित्व को शिखर सी ऊँचाई देती है, समुद्र सी गहराई देती है और आकाश सी व्यापकता देती है। आचार्यश्री महाश्रमण जी का व्यक्तित्व शिखर सी ऊँचाई, सागर सी गहराई व व्योम सी व्यापकता लिए हुए है। आचार्यश्री महाश्रमण जी का जीवन बहुआयामी है। वे प्रकृति से सहज, सरल, शांत व विनम्र हैं।
मुनि जिनेश कुमार जी ने आगे कहा कि जन्म दिवस जोड़ने व प्रकाश फैलाने का पर्व है। इस अवसर पर बाल मुनि कुणाल कुमार जी ने अभिवंदना गीत प्रस्तुत किया। तेममं, पूर्वांचल ने अभिवंदना गीत की प्रस्तुति दी। इस अवसर पर महासभा के मुख्य न्यासी सुरेश गोयल ने भावपूर्ण विचार व्यक्त किए। इस अवसर पर तेरापंथी सभा, कोलकाता के अध्यक्ष अजय भंसाली सहित अनेक गणमान्यजन उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन मुनि परमानंद जी ने किया। ईश्वरी प्रसाद टांटिया का सभा द्वारा सम्मान किया गया।