आर्चाश्री तुलसी के 27वें महाप्रयाण दिवस पर गीत
म्हारै प्राणां रा आधार, गुरुदेव तुलसी।
म्हारी नैय्या खेवणहार, गुरुदेव तुलसी।
स्वर्गां स्यूं भेजो आशीर्वर, करां प्रार्थना शासन शेखर।
म्है तो करां इंतजार, गुरुदेव तुलसी।।
चंदेरी रो चांद पियारो, झूमरमल जी रो लाल दुलारो।
चमचम चमक रह्यो दीदार, गुरुदेव तुलसी।।
शैशव वय में संयम पायो, ज्ञान ध्यान रो दियो जलायो।
बणग्या संघ रा सरदार, गुरुदेव तुलसी।
देश-विदेशां अलख जगाई, जन-जन में आस्था विकसाई।
याद आवे है उपकार, गुरुदेव तुलसी।।
नया मोड़ अभियान चलयो, अणु-प्रेक्षा रो बिगुल बजायो।
बांट्या नया-नया उपहार, गुरुदेव तुलसी।।
गण रो गौरव शिखर चढ़ायो, सात समुद्र तक पहुँचायो।
फैली महिमा अपरंपार, गुरुदेव तुलसी।।
तेरापंथ रा भाग्य विधाता, जीणै रो विज्ञान बताता।
पाई पग-पग जय-जयकार, गुरुदेव तुलसी।।
जयवंतो है भैक्षव शासन, महाश्रमण दीपै सिंहासन।
म्हारो नंदनवन गुलजार, गुरुदेव तुलसी।।
लय: स्वामी भीखणजी रो नाम----