आचार्यश्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव, पदाभिषेक एवं दीक्षा दिवस के आयोजन

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आचार्यश्री महाश्रमण जी का जन्मोत्सव, पदाभिषेक एवं दीक्षा दिवस के आयोजन

अंधेरी
आचार्यश्री महाश्रमण जी के 62वाँ जन्म दिवस एवं 14वाँ पदाभिषेक दिवस मनाया गया। इस अवसर पर साध्वी निर्वाणश्री जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी का जीवन प्रारंभ से ही विलक्षण रहा है। बाल्यकाल से ही मुनि मुदित साधना के उच्च पायदानों पर आरूढ़ होते रहे हैं। उनकी जीवन यात्रा मोहन से मुदित, मुदित से महाश्रमण और पुनः युवाचार्य व आचार्य पद के अभिराम पथ पर गतिमान है। इस अवसर पर साध्वी डॉ0 योगक्षेमप्रभा जी ने कहा कि आचार्यश्री महाश्रमण जी अतिशायी महापुरुष हैं। कीर्तिमान बनाए नहीं जाते, निर्मित हो रहे हैं। उनका जन्म मानव कल्याण व जिनशासन की प्रभावना के लिए हुआ है।
साध्वी मधुरप्रभा जी ने अमृत अर्चना के माध्यम से मंगलाचरण किया। बालिका प्रीषा लिंगा ने अंधेरी ज्ञानशाला की ओर से भावना प्रकट की। आचार्य महाश्रमण चातुर्मास व्यवस्था समिति के मुख्य प्रबंधक मनोहर गोखरू ने अपने उद्गार व्यक्त किए। समागत अतिथियों का स्वागत तेरापंथ सभा के अध्यक्ष चैनरूप दुगड़ तथा अध्यक्ष किरण रोठांगण ने किया। इस अवसर पर घाटकोपर तुलसी सुसंगम से संगायकों ने लोकेश डांगी के नेतृत्व में गीत का संगान किया। साध्वीवृंद ने गीत की प्रस्तुति दी। मंच संचालन सभा के मंत्री ललित लोढ़ा ने किया। कैमरून हाईट के नवनिर्वाचित चेयरमैन प्रदीप बोकड़िया ने सबके प्रति आभार व्यक्त किया। मरूधर मित्र परिषद् के अध्यक्ष अशोक सिंघी ने भी अपने भाव प्रकट किए। मंत्री ललित लोढ़ा ने साध्वीश्री जी एवं साध्वीवृंद के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।