अक्षय तृतीया के विविध आयोजन
कोलार, कर्नाटक
कर्नाटक के कोलार नगर में मुनि दीप कुमार जी के सान्निध्य में अक्षय तृतीया पर्व पर वर्षीतप के पारणे हुए। तीन श्राविकाओं के वर्षीतप के पारणे हुए, जो विजयनगर-बैंगलुरु की प्रवासी हैं। सज्जन बाई सियाल, सुनीता पींचा, अनीषा बाबेल। कार्यक्रम तेरापंथी सभा, विजयनगर-बैंगलोर द्वारा आयोजित हुआ। जिसके प्रायोजक थे मनोहरलाल बाबेल परिवार। कार्यक्रम में बैंगलोर के के0जी0एफ0, कोलार, मूलबागल के लोग अच्छी संख्या में उपस्थित थे। मुनि दीप कुमार जी ने कहा कि अक्षय तृतीया का पर्व जैन धर्म में भगवान ऋषभ के साथ अभिन्नता से जुड़ा हुआ है। यह भगवान के तप का अद्भुत दिवस है। मुनिश्री ने कहा कि भगवान ऋषभ की तपस्या को आधार बनाकर वर्तमान में हजारों तपस्वी एकांतर वर्षीतप की साधना कर रहे हैं। मुनिश्री ने तीनों श्राविकाओं के तप की अनुमोदना की।
मुनि काव्य कुमार जी ने कहा कि अक्षय तृतीया का लौकिक और लोकोत्तर दोनों दृष्टियों से महत्त्व है। भगवान ऋषभ का जीवन तप की अद्भुत गाथा है। मेरी संसारपक्षीय माँ अनीषा बाबेल ने दूसरा वर्षीतप संपन्न कर बहुत मनोबल का परिचय दिया है। कार्यक्रम में विजयनगर सभा उपाध्यक्ष उम्मेद नाहटा, तेममं अध्यक्ष प्रेमबाई भंसाली, तेयुप अध्यक्ष श्रेयांश गोलछा, के0जी0एफ सभा अध्यक्ष संतोष बांठिया आदि ने अपने विचार रखे। महिला मंडल, विजयनगर की बहनों ने गीत का संगान किया। अक्षरा बाबेल ने अपने विचार रखे। सभी वर्षीतप करने वाले श्राविकाओं के परिवारजनों ने गीत का संगान किया। कार्यक्रम में वर्षीतप की साधिकाओं ने मुनिश्री को इक्षुरस का दान दिया। कार्यक्रम का संचालन सभा मंत्री विजयनगर के मंगल कोचर ने किया। आभार ज्ञापन लाभेश कासवा ने किया।