‘अटूट बंधन माँ और बेटी का’ कार्यशाला का आयोजन

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‘अटूट बंधन माँ और बेटी का’ कार्यशाला का आयोजन

बीदासर।
बीदासर केंद्र व्यवस्थापिका साध्वी रचनाश्री जी के सान्निध्य में कन्या मंडल की कार्यशाला ‘अटूट बंधन माँ और बेटी का’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर साध्वीश्री जी ने कहा कि माँ वह होती है जो बच्चों को ममता देती है, अपनी संतान को विकास की ऊँचाई पर ले जाने का प्रयत्न करती है। और अपनी संतान को हर कठिनाई से दूर रखने का प्रयत्न करती है।
एक माँ अपनी संतान को तीन बातों का प्रशिक्षण देती हैµइंद्रिय संयम का प्रशिक्षण, एकाग्रता का प्रशिक्षण और सहन करने का प्रशिक्षण। माँ अपनी संतान को संस्कार देती है तो संतान को भी उन संस्कारों को सुरक्षित रखने का प्रयत्न करना चाहिए। शासनमाता, जिसकी शीतल छाँव में सबके पाप, ताप और संतान का हरण होता है, उस शासनमाता की ममता संपूर्ण धर्मसंघ को प्राप्त हुई है। उनके दीप संस्कारों को हम आगे बढ़ाते रहें।
साध्वी लब्धियशा जी ने अलग-अलग प्रसंगों से बताया है कि माँ वह है जो संस्कार देती है और एक व्यक्ति का संपूर्ण विकास करती है। कन्या मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। गरिमा बोथरा, दिव्या बोथरा, अनिषा बैद ने अपने विचार व्यक्त किए। कन्या मंडल द्वारा आयोजित कॉलेज प्रतियोगिता में गरिमा बोथरा प्रथम, रिया दुगड़ द्वितीय और पूजा दुगड़ ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। प्रतियोगिता की निर्णायक रेनू बैंगानी थी। कार्यक्रम का संचालन रिया दुगड़ ने किया।