आचार्यश्री महाश्रमणजी के 50वें दीक्षा कल्याण महोत्सव के आयोजन

संस्थाएं

आचार्यश्री महाश्रमणजी के 50वें दीक्षा कल्याण महोत्सव के आयोजन

मदुरैवाइल (चेन्नई)
युगप्रधान आचार्यश्री महाश्रमण जी के 50वें दीक्षा कल्याण महोत्सव पर साध्वी लावण्यश्री जी के सान्निध्य में कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में साध्वी लावण्यश्री जी ने कहा कि महान पुरुष के जीवन को शब्दों की माला में पिरोना वास्तव में ही बड़ा दुरुह काम है। कहाँ से उनके जीवन की विशेषताओं की शुरुआत करें और कहाँ पूर्ण करें। उनका व्यक्तित्व, कर्तृत्व, नेतृत्व, वर्चस्व अमाप्य होता है, अवर्णनीय होता है। बचपन से लेकर अब तक जिन्होंने अपने आत्मनिष्ठा, संघनिष्ठा, अध्यात्मनिष्ठा, गुरुनिष्ठा, आज्ञानिष्ठा से ऊँचाइयों के आकाश को छुआ है। उपलब्धियाँ उनके चरण चुमती है। साध्वी सिद्धांतश्री जी ने कहा कि मैं पुण्य पुत्र गुरुदेव की अभिवंदना कमल कुंज एवं गुलाबनिकुंज के रूप में करती हूँ।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे प्रिंसिपल सेक्रेटरी तमिलनाडु सरकार एंड मैनेजिंग डायरेक्टर सुदीप जैन, तमिलनाडु राज्य अल्पसंख्यक आयोग सदस्य भामाशाह प्यारेलाल पीतलिया, जैन महासंघ के अध्यक्ष राजकुमार जैन, राजेश जैन, महासंघ के पूर्वाध्यक्ष पन्नालाल जैन उपस्थित थे। चेन्नई सभाध्यक्ष उगमराज सांड, तेयुप अध्यक्ष विकास कोठारी, महिला मंडल अध्यक्षा पुष्पा हिरण, मदुरैवाइल अध्यक्ष किशनलाल संचेती, दिनेश भागड़ा, तनिष्का संचेती एवं मोती संचेती ने अपने भाव प्रस्तुत किए। तेयुप द्वारा गीत की प्रस्तुति हुई। मदुरैवाइल कन्या मंडल एवं महिला मंडल ने गीत की प्रस्तुति दी। अणुव्रत महासमिति उपाध्यक्ष माला कातरेला ने विचार व्यकत किए।
कार्यक्रम का शुभारंभ साध्वीश्री जी के द्वारा महामंत्रोच्चार एवं ¬ के आकार में ‘¬ हृीं श्री महाश्रमणगुरवे नमः’ के जप अनुष्ठान से हुआ। महिला मंडल एवं कन्या मंडल द्वारा अतीत के उजले पृष्ठ में वीडियो प्ले किया गया। संचेती परिवार की ओर से गणमान्य अतिथियों का सम्मान किया गया। जिसका संचालन तनिष्का संचेती ने एवं मुख्य कार्यक्रम का संचालन साध्वी दर्शितप्रभा जी ने किया।