संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन
उत्तर हावड़ा।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तेरापंथ सभा के तत्त्वावधान में एक दिवसीय संस्कार निर्माण शिविर का आयोजन तेरापंथ भवन में हुआ। जिसमें 105 शिविरार्थियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि विद्यार्थी किसी भी समाज या राष्ट्र की नींव होते हैं, पृष्ठभूमि होते हैं। समाज व राष्ट्र का उत्थान उनके विकास पर निर्भर करता है। इसीलिए कहा गया है आज का विद्यार्थी ही कल का बादशाह है और देश का कर्णधार है। विद्यार्थियों को सुशिक्षित सुसंस्कारी बनाने का मतलब है पूरे देश को सुशिक्षित व सुसंस्कारी बनाना।
मुनिश्री ने आगे कहा कि जीवन का परम लक्ष्य है-मोक्ष। मोक्ष साधन की उज्ज्वलता से प्राप्त होता है। साधना की गहराई तक पहुँचाने का मार्ग है-धर्म। मुनि परमानंद जी ने कहा कि धन-वैभव से भी अधिक मूल्य सुसंस्कारों की संपदा का होता है। कार्यक्रम का शुभारंभ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों के मंगल गीत से हुआ। स्वागत भाषण तेरापंथ सभा के अध्यक्ष राकेश संचेती ने दिया। ज्ञानशाला आंचलिक संयोजिका डॉ0 प्रेमलता चोरड़िया ने विचार रखे। ज्ञानशाला के बच्चों ने प्रस्तुति दी। शिविर में विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ हुई। तेरापंथ सभा द्वारा प्रतियोगियों को पुरस्कृत किया गया। शिविर में प्रशिक्षिकाओं का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा। मुनि जिनेश कुमार जी व मुनि परमानंद जी ने प्रशिक्षण दिया।