अनोखी कार्यशाला ‘दिशा’ का आयोजन
अमराईवाड़ी।
मुनि डॉ0 मदन कुमार जी के सान्निध्य में एवं मुनि सिद्धार्थ जी के निर्देशन में तेयुप द्वारा एक अनोखी कार्यशाला ‘दिशा’ का आयोजन सिंघवी भवन में किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुनिश्री ने नवकार मंत्र से की। मुनि सिद्धार्थ कुमार जी ने दिशा कार्यशाला के बारे में अपना रोचक वक्तव्य दिया। मुनि मदन कुमार जी ने कहा कि जीवन जीना कला है, अच्छा वक्ता बनना कला है, गुरुदेव हमें एक आध्यात्मिक दिशा दिखाते हैं, उस दिशा में हमें अपने कदम बढ़ाते रहना चाहिए। सीपीएस जोनल ट्रेनर सुरभि चंडालिया एवं आकाश चंडालिया ने पधारे हुए दोनों वक्ता अनिल दुगड़ एवं पदम संचेती का परिचय दिया। स्वागत वक्तव्य तेयुप अध्यक्ष हेमंत पगारिया ने किया।
बैंगलुरु से पधारे हुए ट्रेनर अनिल दुगड़ ने कहा कि सबसे पहले हमें हमारा गोल क्या है, उसके प्रति जागरूक रहना चाहिए, उसको पूर्ण करने के लिए हमें अपना शेड्यूल बदलना चाहिए। उम्र कोई भी हो छोटी हो या बड़ी विजन हमारा साफ होना चाहिए। बैंगलुरु से पधारे मुख्य वक्ता पदम संचेती ने सबसे पहले कहा कि हमें हमारा विजन तय कर देना चाहिए और उसकी वीजन तक पहुँचने के लिए हमें क्या-क्या करना चाहिए, उसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन तेयुप मंत्री हितेश चपलोत ने किया एवं आभार ज्ञापन मुकेश सिंघवी ने किया।