विकास का द्वार खोलता है अनुशासन

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विकास का द्वार खोलता है अनुशासन

किशनगंज।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में महिला मंडल, किशनगंज द्वारा अनुशासन की शक्ति कार्यशाला आयोजित हुई। मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि तेममं द्वारा समय-समय पर अनेक कार्यक्रम, कार्यशाला आयोजित होती है। सभी चाहते हैं कि हमारे परिवार में, समाज में अनुशासन रहना चाहिए। जहाँ अनुशासन है, वहाँ सुख, शांति, सौंदर्य रहता है। सत्यं, शिवं, सुंदरम् अनुशासन, मर्यादा, व्यवस्था से घटित हो जाता है। जहाँ अनुशासन नहीं है, वहाँ न व्यवस्था न विकास होता है। यह कार्यशाला सबके लिए उपयोगी बने। वर्तमान पीढ़ी के लिए ज्यादा उपयोगी जिससे उसका भविष्य सुरक्षित रह सकेगा, समाज और विकासशील होगा।
मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है। अनुशासन मर्यादा, व्यवस्था हमारे विकास का आधार है। अनुशासन बंधन नहीं मुक्ति का द्वार है। भगवान महावीर स्वामी ने संघ में सात पदों की व्यवस्था की जिसमें संघ का सम्यक् संचालन हो सके। आचार्य भिक्षु ने संविधान का निर्माण किया, जिसका परिणाम यह कि आज तेरापंथ धर्मसंघ विकास की ओर गतिमान है।
अनुशासन हमारे मनोबल-आत्मबल को बढ़ाने का रास्ता है। प्रकृति एवं व्यक्ति ने जब-जब भी मर्यादा तोड़ी है, तो विनाश ही हुआ है। समाज की कानून व्यवस्था अपराध को रोकती है। व्यक्ति एवं परिवार, संस्था, समाज का अनुशासन सौहार्द, समन्वय एवं विकास का हेतु बनता है। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मंडल के मंगलाचरण से हुआ। विषय प्रस्तुति महिला मंडल अध्यक्षा संतोष दुगड़ ने दी। आभार ज्ञापन महिला मंडल, उपाध्यक्ष प्रभा बैद ने किया। कार्यशाला का संचालन मंत्री रचना बोथरा ने किया।