हिंसा पर अहिंसा की विजय
ईरोड।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में ‘हिंसा पर अहिंसा की विजय’ प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि हिंसा पर अहिंसा की विजय कब होती है, जब व्यक्ति करणीय और अकरणीय कार्यों को जानते हों। अहिंसा आत्म विकास का अमोध यंत्र है, दिशा सूचक यंत्र है। भगवान महावीर ने कहा कि सभी जीव जीना चाहते हैं, मरना कोई नहीं चाहता, अहिंसा की चेतना को जाग्रत करना है, तो अनावश्यक हिंसा से बचें। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि व्यसन और फैशन से हमारी संस्कृति डूब रही है। मल-मूत्र से परिपूर्ण शरीर को सजाने-संवारने के लिए पशुओं पर खौफनाक तरीकों का उपयोग किया जा रहा है। खुलेआम हिंसा की जा रही है। साध्वी मेरुप्रभा जी ने गीतिका प्रस्तुत की। कार्यक्रम की शुरुआत रक्षा बाफना एवं महिला मंडल की बहनों द्वारा मंगलाचरण से हुआ। स्वागत भाषण उपाध्यक्षा मंजु बोथरा और आभार ज्ञापन मंत्री पिंकी वैदमूथा द्वारा किया गया।