दीक्षार्थी अभिनंदन समारोह आयोजन
अमरनगर, जोधपुर।
साध्वी कुंदनप्रभा जी के सान्निध्य में दीक्षार्थी का अभिनंदन समारोह का आयोजन हुआ। मंगलाचरण तेयुप सरदारपुरा के साथी नरेंद्र सेठिया द्वारा किया गया। सभा अध्यक्ष सुरेश जीरावला ने स्वागत वक्तव्य व मुमुक्षु बहन का परिचय प्रस्तुत किया। मुमुक्षु बहन के संसारपक्षीय बुआ महाराज साध्वी चारित्रप्रभा जी ने मुमुक्षु के आगामी जीवन के प्रति मंगलकामना व्यक्त करते हुए कहा कि दीक्षा लेना एक नए जीवन में प्रवेश करने जैसा है। दीक्षा तो ऐसा रत्न है जो देखने की नहीं, बल्कि अनुभव करने की चीज है। साध्वी किरणयशा जी ने कहा कि जो व्यक्ति संयम के पथ पर चलता है, वह असीम आनंद को पाता है।
मुमुक्षु आयुषी ने बताया किय दीक्षा लेने का मानस मैंने इसलिए बनाया क्योंकि मैंने नश्वर संसार के मोह को छोड़कर जो आत्मा शाश्वत है उसे केंद्र में रखकर यह निर्णय लिया है। आत्मा के आनंद को प्रमुखता दी। जीवन में वैराग्य जागरण में जसोल में विराजित मुनिश्री सहयोगी बने, गुरुदेव का अप्रत्यक्ष आशीर्वाद और प्रेरणा सदैव मिलती रही और मेरी माता जी ने मेरे इस पथ पर बढ़ाने में काफी सहयोग दिया।
साध्वी कुंदनप्रभा जी ने कहा कि संकल्पी व्यक्ति ही संयम पथ स्वीकार कर सकता है और संकल्प के साथ सहयोग भी अपेक्षित रहता है। पारिवारिकजनों का सहयोग व्यक्ति को संयम पथ पर अग्रसर करता है। दीक्षा लेना भी आसान कार्य नहीं है, सहनशीलता, नम्रता, समर्पण हो तब दीक्षा ली जा सकती है। आयुषी बाई के आगामी आध्यात्मिक जीवन के प्रति मंगलकामना। कार्यक्रम में साध्वीवृंद द्वारा सामूहिक गीत, तेममं, सरदारपुरा, जितेंद्र गोगड ने गीत द्वारा व तेयुप अध्यक्ष महावीर चौधरी, तेममं अध्यक्ष सरिता कांकरिया ने वक्तव्य द्वारा मुमुक्षु आयुषी के संयम जीवन के प्रति मंगलकामना व्यक्त कीं पारिवारिक जनों में मुमुक्षु बहन के पिता महेंद्र चोपड़ा, माता कविता देवी, लता मेहता आदि ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन साध्वी विद्युतप्रभा जी ने किया।