सामान्य बोध कार्यशाला का आयोजन

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सामान्य बोध कार्यशाला का आयोजन

बेहाला-कोलकाता।
मुनि जिनेश कुमार जी के सान्निध्य में तथा तेममं, बेहाला के तत्त्वावधान में जैन धर्म का सामान्य बोध कार्यशाला का आयोजन व्योम कॉम्पलेक्स में हुआ। जिसमें अच्छी संख्या में महिलाएँ उपस्थित थीं। इस अवसर पर मुनि जिनेश कुमार जी ने कहा कि इस युग के जैन धर्म के प्रथम तीर्थंकर भगवान ऋषभ एवं अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर हुए हैं। भगवान महावीर ने श्रावक और साधु के लिए आचार-संहिता दी। जो अणुव्रत और महाव्रत के नाम से पुकारी जाती है। साधु की साधना व श्रावक की साधना एक-दूसरे पर आधारित है। मुनिश्री ने आगे कहा कि जिनको मानने वाला जैन होता है। जैन धर्म कर्मवाद, आत्मवाद, समतावाद आदि में विश्वास रखता है। व्यक्ति जैसा कर्म करता है वैसा ही उसे फल मिलता है। अपनी आत्मा ही कर्ता है, अपनी आत्मा ही भोक्ता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम का शुभारंभ तेरापंथ महिला मंडल, बेहाला की बहनों ने गीत से हुआ। अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल की बंगाल प्रभारी सोनम बागरेचा ने विचार रखे, दीक्षार्थी बहन संजना पारख ने संयम जीवन की महत्ता के बारे में बताया। स्वागत भाषण बेहाला तेममं की उपाध्यक्षा पुष्पा भुतोड़िया ने दिया। आभार व संचालन बेहाला तेममं की मंत्री महिमा कोठारी ने किया। सुनील नाहटा ने दीक्षार्थी बहन के प्रति मंगलभावना व्यक्त की।