पवित्र भाव से पवित्र आत्मा के स्मरण से होती है ऊर्जा प्राप्ति
इस्लामपुर।
मुनि प्रशांत कुमार जी के सान्निध्य में तेयुप, इस्लामपुर द्वारा सुख-शांति, समृद्धि मंत्र अनुष्ठान का आयोजन किया गया। इस अवसर पर मुनि प्रशांत कुमार जी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में बहुत समस्याएँ आती हैं। व्यक्ति प्रयास बहुत करता है, लेकिन सफलता मिलती नहीं है। अंतराय कर्म का उदय होने पर जीवन में अवरोध बहुत आते हैं। ग्रह दोष के कारण से भी समस्याएँ आती हैं। प्राचीन जैन ग्रंथों में बहुत कुछ दिया है, उसका उपयोग करें। प्रत्येक ग्रह के अलग-अलग में प्रयोग मिलते हैं, उनका जप किया जाए। सोते समय नवकार मंत्र एवं अर्हम् का जप एवं सुबह उठने के साथ मंगलभावना स्वयं के प्रति एवं दूसरों के प्रति की जाती है तो शरीर के भीतर शक्ति का संचार होता है। पवित्र भावों से पवित्र आत्मा के स्मरण से ऊर्जा प्राप्त होती है। मुनि कुमुद कुमार जी ने कहा कि जीवन में शक्ति का महत्त्व होता है। आत्म-शक्ति-मनोबल को बढ़ाने के लिए ध्यान-मंत्र की साधना आराधना की जाती है। जैन धर्म में विभिन्न प्रकार के मंत्र, श्लोक, स्तोत्र प्रचलित हैं। मंत्र, स्त्रोत के अनेक चमत्कार मिलते हैं। जैन दर्शन में चमत्कार को महत्त्व नहीं दिया। आत्मकल्याण कर्म निर्जरा के लिए साधना करने का विधान है। कार्यक्रम का शुभारंभ तेयुप के मंगलाचरण से हुआ। तेयुप मंत्री मुदित पींचा, कन्हैयालाल बोथरा ने विचारों की अभिव्यक्ति दी। आभार ज्ञापन विकास बोथरा ने किया।