तत्त्व बोध कार्यशाला का आयोजन

संस्थाएं

तत्त्व बोध कार्यशाला का आयोजन

ईरोड।
साध्वी डॉ0 गवेषणाश्री जी के सान्निध्य में प्रशिक्षण कार्यशाला का शुभारंभ हुआ। साध्वी गवेषणाश्री जी ने कहा कि मिथ्यात्व का वमन, इंद्रियों का शमन व आत्मा में रमण के लिए तत्त्वज्ञान की आवश्यकता है। दृष्टिकोण में परिवर्तन आ जाता है। जो तत्त्व को जान सकता है। वह पुण्य और पाप को भी जान सकता है। वही जीव और अजीव की भेदरेखा कर सकता है। वह असंयम से संयम की ओर बढ़ सकता है। साध्वी मयंकप्रभा जी ने कहा कि महिला मंडल का यह आयाम काफी प्रगति पर है। भविष्य में इस नई योजना से बहनों में नई चेतना जाग्रत हो सकती है। साध्वी मेरुप्रज्ञा जी, साध्वी दक्षप्रभा जी ने तत्त्व ज्ञान की प्रेरणा देते हुए गीतिका प्रस्तुत की। अध्यक्षा सुनीता भंडारी ने स्वागत भाषण, रेणु नखत, पिंकी वैदमूथा, पूजा बोथरा, पूनम दुगड़ आदि द्वारा मंगलाचरण से कार्यक्रम किया गया। मंजु बोथरा ने आभार ज्ञापन किया।