अवबोध

स्वाध्याय

अवबोध

कर्म बोध
प्रकृति व करण
 
प्रश्न 13 : घातिक का अर्थ क्या है?
उत्तर : घात खत्म करने वाले को कहा जाता है। यहाँ कर्म का संदर्भ है, अत: आत्म गुणों की घात करने वाले कर्म हैं। कर्मों के दो वर्ग हैं-(1) आत्म गुणों के घाती, (2) आत्म गुणों के अघाती।
आत्म गुणों के अघाती कर्म केवल भोगे जाते हैं, उनका आत्म गुणों के साथ सीधा संबंध नहीं है।
 
प्रश्न 14 : आठ कर्मों में बंधकारक कर्म कितने हैं?
उत्तर : मोहनीय कर्म से अशुभ व नाम कर्म से शुभ कर्म का बंध होता है। शेष छह कर्मों से शुभ-अशुभ दोनों का बंध नहीं होता।
 
प्रश्न 15 : कितने कर्मों का कौन से गुणस्थान में बंध होता है?
उत्तर : एक कर्म (सात वेदनीय) का बंध-ग्यारहवें, बारहवें और तेरहवें गुणस्थान में। छह कर्मों (मोहनीय व आयुष्य को छोड़कर) का बंध-केवल दसवें गुणस्थान में। सात कर्मों (आयुष्य को छोड़कर) का बंध-तीसरे, आठवें व नौवें गुणस्थान में।
सात-आठ कर्मों का बंध-पहले, दूसरे तथा चौथे से सातवें गुणस्थान में।
(क्रमश:)